यह यात्रा निश्चित रूप से सबसे शानदार यात्रा में से एक है. यह ट्रेन मंडपम से शुरू होकर पम्बन पुल से होते हुए रामेश्वरम तक जाती है. पम्बन पुल, भारत का पहला समुद्री पुल है और यहां से गुजरते हुए ट्रेन में बैठे यात्रियों को चारों ओर नीले समुद्र का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है, ऐसा लगता है जैसे ट्रेन पानी पर चल रही हो. यह दृश्य इतना अद्भुत होता है कि आप इसे कभी नहीं भूल पाएंगे.
यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कालका-शिमला रेलवे, एक नैरो गेज लाइन है जो शिवालिक पहाड़ियों से होकर गुजरती है. यह यात्रा कई सुरंगों, पुलों और घने जंगलों से होकर गुजरती है, जिसमें चारों ओर हरे-भरे पहाड़ और शानदार वादियां देखने को मिलती हैं. टॉय ट्रेन की धीमी गति आपको प्रकृति का भरपूर आनंद लेने का मौका देती है.
गोवा से लोनावला (महाराष्ट्र) तक की गोवा एक्सप्रेस यात्रा मानसून के समय से मनमोहक होती है. यह ट्रेन सह्याद्री पर्वत श्रृंखला के हरे-भरे घाटों से होकर गुजरती है, जहां झरने, घने जंगल और चावल के खेत दिखाई देते हैं. दूधसागर फॉल्स का नजारा तो बस मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है, जहां ट्रेन झरने के ठीक बगल से गुजरती है.
राजस्थान में जोधपुर से जैसलमेर तक की यह ट्रेन यात्रा आपको थार रेगिस्तान के विशाल और सुनहरे विस्तार से रूबरू कराती है. यह यात्रा आपको राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति और पारंपरिक जीवन शैली की झलक भी देती है. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय रेगिस्तान का बदलता रंग बेहद खूबसूरत लगता है.
एक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, जिसे 'टॉय ट्रेन' के नाम से भी जाना जाता है, सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक जाती है. यह धीमी गति से चलने वाली ट्रेन आपको हरे-भरे चाय बागानों, पहाड़ों और छोटे-छोटे पहाड़ी गांवों से होकर ले जाती है. घूम स्टेशन (भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन) से कंचनजंघा चोटी का नजारा काफी शानदार होता है.
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