गिसबोर्न शहर न्यूजीलैंड के नॉर्थ आइलैंड के ईस्ट कोस्ट पर बसा है. यहां का एयरपोर्ट करीब 160 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसे बेहद खास बनाता है — इसका मेन रनवे. इस रनवे के ठीक बीचोंबीच पाल्मर्सटन नॉर्थ-गिसबोर्न रेलवे लाइन (Palmerston North-Gisborne railway line) गुजरती है, जो इस पूरे एयरपोर्ट को दो हिस्सों में बांट देती है.
बिलकुल नहीं! यहां एक सख्त नियम है कि ट्रेन और विमान एक ही समय में रनवे का इस्तेमाल नहीं कर सकते. अगर रनवे पर ट्रेन गुजर रही हो तो फ्लाइट को रोक दिया जाता है और अगर फ्लाइट टेकऑफ या लैंडिंग के लिए तैयार हो, तो ट्रेन को सिग्नल पर रोक दिया जाता है. हैरानी की बात ये है कि एयरपोर्ट ही ट्रेन का सिग्नल कंट्रोल करता है, ताकि टकराव जैसी कोई दुर्घटना न हो.
गिसबोर्न एयरपोर्ट के स्टाफ के लिए ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वे फ्लाइट और ट्रेन की टाइमिंग को बेहद सटीक तरीके से मैच करें. रोज सुबह 6:30 बजे से रात 8:30 बजे तक एयरपोर्ट और रेलवे दोनों सक्रिय रहते हैं. इसके बाद रनवे बंद कर दिया जाता है.
दुनिया में पहले तस्मानिया के विनयार्ड एयरपोर्ट (Wynyard Airport) में भी ऐसा ही सेटअप था, लेकिन वहां 2005 के बाद से रेलवे ऑपरेशन बंद हो गया. अब गिसबोर्न दुनिया का अकेला ऐसा एयरपोर्ट है जहां एक्टिव रनवे से ट्रेन गुजरती है.
जी हां, गिसबोर्न एयरपोर्ट भले ही छोटा है लेकिन यहां हर हफ्ते 60 से ज्यादा डोमेस्टिक फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं और हर साल करीब 1.5 लाख यात्री इस एयरपोर्ट से यात्रा करते हैं. यहां एक मुख्य रनवे के अलावा तीन सेकेंडरी रनवे भी हैं.
जहां दुनिया के एयरपोर्ट टेक्नोलॉजी की दौड़ में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं गिसबोर्न एयरपोर्ट अपनी पुरानी व्यवस्था को सुरक्षा और तालमेल के साथ आज भी निभा रहा है.
हवाई जहाज और ट्रेन का एक-दूसरे के लिए रुकना न सिर्फ तकनीकी रूप से अनोखा है, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल भी हो जाता है.
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