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Dr. Vikram Sarabhai की वो 5 खोजें...जिसने बदल दिया ISRO का भविष्य, 28 की उम्र में किया ये कारनामा

Vikram Sarabhai Birthday: मंगलवार 12 अगस्त को पूरा देश महान वैज्ञानिक Dr. Vikram Sarabhai की 106वीं जयंती मना रहा है. उन्हें भारत के स्पेस प्रोग्राम का जनक कहा जाता है. विक्रम साराभाई ने कॉस्मिक किरणों पर रिसर्च से लेकर ISRO की स्थापना तक कई अहम योगदान दिए. आज हम आपको उनके 5 सबसे अहम योगदानों के बारे में बताएंगे. 

 

ISRO की स्थापना

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ISRO की स्थापना

डॉ. साराभाई को भारक के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है. साराभाई ने 1969 में ISRO की स्थापना की थी. उनका मानना था कि अंतरिक्ष में तकनीक का इस्तेमाल देश की तरक्की और लोगों की भलाई के लिए किया जा सकता है. आपको बता दें कि Vikram Sarabhai का जन्म 1919 में हुआ था.

 

PRL की शुरुआत

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PRL की शुरुआत

सिर्फ 28 साल की उम्र में डॉ.साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला(PRL)की शुरुआत की थी. यह संस्थान अंतरिक्ष विज्ञान और उससे जुड़े कई क्षेत्रों में रिसर्च के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था. 

 

परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल

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परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल

डॉ. होमी भाभा के साथ मिलकर विक्रम साराभाई ने भारत के परमाणु कार्यक्रम(Nuclear Program)को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके इस्तेमाल देश की शांति और रक्षा के लिए करना चाहते थे. 

IIM की स्थापना

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IIM की स्थापना

व्यावसायिक प्रबंधन(Management Education)की जरूरत को समझते हुए DR.Sarabhai ने अहमदाबाद में IIM की स्थापना में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी. 

 

भारत का पहला रॉकेट

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भारत का पहला रॉकेट

साराभाई ने केरल के थुम्बा से भारत का पहला रॉकेट लॉन्च स्टेशन स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी. यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम था.

 

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