सामान्‍य नहीं हैं घर में हो रहीं ये छोटी-छोटी घटनाएं, निगेटिव एनर्जी की एंट्री का हैं खुला संकेत
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सामान्‍य नहीं हैं घर में हो रहीं ये छोटी-छोटी घटनाएं, निगेटिव एनर्जी की एंट्री का हैं खुला संकेत

Negative Energy Indication: घर में कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं जो देखने में तो सामान्‍य लगती हैं, लेकिन वे भविष्‍य के अहम संकेत देती हैं. जानिए घर में निगेटिव एनर्जी बढ़े तो क्‍या संकेत मिलते हैं. 

सामान्‍य नहीं हैं घर में हो रहीं ये छोटी-छोटी घटनाएं, निगेटिव एनर्जी की एंट्री का हैं खुला संकेत

Negative Energy Signs: क्या आपने गौर किया है कि आपके घर के हरे-भरे पौधे अचानक मुरझाने लगे हैं? क्या बिजली के बल्ब बार-बार फड़कते हैं या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एक के बाद एक खराब हो रहे हैं? अगर ऐसा हो रहा है, तो यह केवल संयोग नहीं है – वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह आपके घर में नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ने का संकेत हो सकता है. वास्तु दोष का प्रभाव न केवल मानसिक शांति बल्कि आपके स्वास्थ्य, रिश्तों और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप इन चेतावनियों को गंभीरता से लें और इनके पीछे छिपे संदेश को समझें. इस लेख में हम इन संकेतों के पीछे का वास्तु विज्ञान विस्तार से समझेंगे और समाधान भी जानेंगे.

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1. पौधों का सूखना: केवल पानी की कमी नहीं!

वास्तु शास्त्र में पौधों को जीवन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. जब घर में लगे पौधे बिना किसी स्पष्ट कारण के मुरझाने या सूखने लगते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ रही है.

कारण: उत्तर-पूर्व दिशा में सूखे या कांटेदार पौधे होना.
सही धूप और हवा न मिलना.
गमले या मिट्टी में वास्तु दोष युक्त धातु/सामग्री.
घर में किसी सदस्य की नकारात्मक सोच या तनावपूर्ण वातावरण.

समाधान: तुलसी, मनी प्लांट और एलोवेरा जैसे सकारात्मक ऊर्जा वाले पौधे उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाएं. सूखे या मरे हुए पौधों को तुरंत हटा दें. नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें, लेकिन अगर फिर भी वे न पनपें, तो यह वास्तु चेतावनी हो सकती है.

2. लाइट्स का फड़कना: क्या सच में आत्माओं का संकेत?

कई लोग मानते हैं कि लाइट्स का अचानक फड़कना या जलते-बुझते रहना अलौकिक शक्तियों का संकेत है. लेकिन वास्तु के अनुसार यह आपके घर की विद्युत ऊर्जा और मानसिक ऊर्जा के असंतुलन का सूचक हो सकता है.

कारण: दक्षिण-पश्चिम दिशा में विद्युत उपकरणों का अधिक उपयोग.
खराब वायरिंग या पुरानी लाइट फिटिंग.
घर के किसी हिस्से में लगातार झगड़े या नकारात्मक विचारों की अधिकता.

समाधान: फड़कती लाइट्स को तुरंत बदलें और वायरिंग की जांच करवाएं. दक्षिण दिशा में भारी वस्तुएं रखें जिससे स्थायित्व बढ़े. घर में सुगंधित दीपक या हरे रंग की लाइट्स का उपयोग करें, खासकर शाम के समय.

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3. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का बार-बार खराब होना

क्या आपने देखा है कि हाल ही में खरीदे गए फ्रिज, टीवी या वॉशिंग मशीन बार-बार खराब हो रहे हैं? इसका संबंध भी वास्तु दोष से जोड़ा जाता है.

कारण: उत्तर-पूर्व दिशा में भारी इलेक्ट्रॉनिक सामान रखना.
आग और पानी के तत्वों का टकराव – जैसे कि गैस चूल्हे के पास सिंक होना.
घर के मुख्य द्वार पर इलेक्ट्रॉनिक चीजों की अधिकता.

समाधान: उत्तर-पूर्व को हमेशा साफ, हल्का और खुला रखें.         आग (फायर) से जुड़े उपकरणों को दक्षिण-पूर्व में रखें. बिजली के उपकरणों के पास नमक से भरा कटोरा रखें, यह नकारात्मक ऊर्जा को सोखता है.

4. नकारात्मक ऊर्जा कैसे करती है असर?

वास्तु शास्त्र में माना गया है कि हमारे घर की संरचना और उसमें रखी चीज़ें मिलकर एक विशेष ऊर्जा क्षेत्र का निर्माण करती हैं. जब यह ऊर्जा असंतुलित होती है, तो उसका प्रभाव सबसे पहले हमारे आसपास की प्रकृति – जैसे पौधे, जानवर और उपकरणों – पर पड़ता है.

संकेत: घर में अक्सर टूट-फूट होना.
सदस्य बार-बार बीमार पड़ना.
पैसों की कमी, तनाव और आपसी रिश्तों में दरार.

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5. वास्तु दोष से बचने के उपाय

वास्तु दोषों को दूर करने के लिए कुछ उपाय बेहद कारगर माने जाते हैं. जैसे -  

पंचतत्व संतुलन: घर में धरती (मिट्टी), जल (जलपात्र), अग्नि (दीपक), वायु (खिड़कियां खुली रखना), और आकाश (साफ छत) का संतुलन बनाए रखें.

स्वास्तिक और ऊँ: मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या 'ॐ' का चिन्ह बनाएं.

क्लटर हटाएं: घर में अनावश्यक सामान न रखें, यह ऊर्जा को रोकता है.

होलिस्टिक सफाई: नमक के पानी से पोंछा लगाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

ध्वनि और गंध: नियमित घंटी, शंख, या सुगंधित धूप से घर की ऊर्जा को शुद्ध करें.

6. कब करें विशेषज्ञ से संपर्क?

अगर आप सभी उपाय आजमा चुके हैं और फिर भी समस्याएं बनी हुई हैं, तो किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें. वे घर की दिशाओं, चुम्बकीय क्षेत्र और ऊर्जा के प्रवाह का गहराई से विश्लेषण कर समाधान दे सकते हैं.

निष्कर्ष

पौधों का मुरझाना और लाइट्स का बार-बार फड़कना केवल तकनीकी समस्याएं नहीं हैं – यह संकेत हैं कि आपका घर कुछ कहना चाहता है. वास्तु शास्त्र इन संकेतों को समझने और उनका समाधान ढूंढ़ने का एक वैज्ञानिक और पारंपरिक माध्यम है. सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बनाए रखने के लिए आपको सतर्क रहना होगा और समय पर कदम उठाने होंगे.

तो अगली बार जब आपका फर्न का पौधा बिना कारण सूख जाए या बल्ब बिना वजह झपकने लगे, तो समझ जाइए – ये संकेत हैं कि अब घर की ऊर्जा को सुधारने का समय आ गया है!

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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