Miswak Demand In Ramadan: रमजान में दांत साफ करने के लिए क्यों बढ़ जाती है 'मिसवाक' की मांग? पैगंबर मोहम्मद से क्या है नाता
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Miswak Demand In Ramadan: रमजान में दांत साफ करने के लिए क्यों बढ़ जाती है 'मिसवाक' की मांग? पैगंबर मोहम्मद से क्या है नाता

Ramzan Roza Rules in Hindi: रमजान शुरू होते ही मुसलमानों में दांतों की सफाई के लिए 'मिसवाक' की मांग अचानक बढ़ जाती है. आखिर यह मिसवाक है क्या चीज और इसका इस्लाम से क्या वास्ता है. आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं. 

Miswak Demand In Ramadan: रमजान में दांत साफ करने के लिए क्यों बढ़ जाती है 'मिसवाक' की मांग? पैगंबर मोहम्मद से क्या है नाता

Why Demand for Miswak in Ramzan: मुसलमानों का पवित्र महीना 1 मार्च से शुरू होने वाला है. पहले दिन 1 मार्च को तराबी होगी और 2 मार्च से लोग रोजे रखेंगे. रमजान का ये महीना 31 मार्च तक चलेगा. इस दौरान 30 दिनों तक दुनियाभर के मुसलमान रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे. रमजान के दौरान मुसलमानों में नीम के दातुन और मिसवाक की मांग बेतहाशा बढ़ जाती है. जो लोग कभी इनसे दांत साफ नहीं करते, वे भी रमजान में इन्हें खरीदकर दांतों की सफाई करते हैं. आखिरी मिसवाक और नीम के दातुन का रमजान से क्या ताल्लुक है? इस बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं. 

रमजान में क्यों बढ़ जाती है मिसवाक की डिमांड?

इस्लाम के जानकारों के मुताबिक, पैगंबर मोहम्मद अपने जीवन में वे जो भी काम करके गए, उसे सुन्नत यानी पवित्र माना गया है. इसी तरह का एक काम था, रमजान के दौरान मिसवाक से अपने दांत साफ करना. कहते हैं कि पैगंबर मोहम्मद रमजान के दिनों में मिसवाक से अपने दांतों की सफाई किया करते थे. उनके इस तरह दांत साफ करने के तरीके के सुन्नत कहा गया. यही वजह है कि रमजान के दौरान मुसलमान टूथपेस्ट छोड़कर मिसवाक से दांत साफ करना पसंद करते हैं, जिसके चलते नीम की दातुन और मिसवाक की मांग दुनियाभर में बढ़ जाती है. 

मिसवाक के इस्तेमाल के फायदे

मौलानाओं के अनुसार, मिसवाक का इस्तेमाल करने से मुंह से बदबू आने की समस्या दूर हो जाती है. इसके रोजाना प्रयोग से दांतों में पायरिया और दूसरी बीमारियां ठीक हो जाती हैं. साथ ही मुंह में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. वे कहते हैं कि रमजान के दौरान रोजेदार पूरे दिन भूखा रहता है. ऐसे में कई बार खट्टी डकारें और गैस ऊपर की ओर उछाला मारती हैं, जिससे मुंह में दुर्गंध आने लगती है. ऐसे में मिसवाक के इस्तेमाल से वह बदबू खत्म हो जाती है. 

क्या होता है मिसवाक?

मिसवाक असल में एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ 'दांत साफ़ करने वाली छड़ी' होता है. यह साल्वाडोरा पर्सिका या पीलू के पेड़ की टहनी होती हैं. जिन्हें छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर दांतों और मसूड़ों को साफ़ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे दांत साफ करने का प्राकृतिक तरीका माना जाता है. इस छड़ी में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो दांतों में चमक पैदा करता है. यह दांतों के इनेमल को मज़बूत बनाता है, जिससे झनझनाहट को कम करने में मदद मिलती है. 

मिसवाक कैसे इस्तेमाल करें?

मिसवाक की छोटी सी कली लेकर उसे तब तक चबाएं, जब तक कि वह घिसकर ब्रश जैसा आकार न ले ले. इसके बाद ब्रश की तरह उसे दांतों के हर हिस्से में घुमाकर सफाई करें. बीच-बीच में थूकते भी रहें. करीब 2-3 मिनट तक ऐसा करने के बाद आप मुंह को साफ पानी से धो लें. आपके दांत चांदी की तरह चमक उठेंगे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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