धरती की तरफ अंतरिक्ष से आ रहा 'दैत्य', साइज में सिंगापुर से भी बड़ा; वैज्ञानिकों के माथे पर आया पसीना
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धरती की तरफ अंतरिक्ष से आ रहा 'दैत्य', साइज में सिंगापुर से भी बड़ा; वैज्ञानिकों के माथे पर आया पसीना

Giant comet: वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही विशाल धूमकेतु को देखा है जो हमारे सोलर सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है. यह धूमकेतु 29 जनवरी 2031 को शनि की कक्षा तक पहुंच जाएगा. बताया जा रहा है कि इसका आकार उस एस्टरॉयड से 14 गुना बड़ा है, जिसने 6.5 करोड़ साल पहले धरती पर डायनासोरों को खत्म कर दिया था.

 

धरती की तरफ अंतरिक्ष से आ रहा 'दैत्य', साइज में सिंगापुर से भी बड़ा; वैज्ञानिकों के माथे पर आया पसीना

Giant Comets: खगोलशास्त्रियों ( Astronomers ) ने  हाल ही में एक बहुत ही विशाल धूमकेतु को देखा है जो हमारे सोलर सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है. इस धूमकेतु का नाम है Comet C/2014 UN271 (Bernardinelli-Bernstein). यह अब तक का सबसे बड़ा धूमकेतु माना जा रहा है, जिसकी चौड़ाई करीब 137 किलोमीटर है. यह आकार उस एस्टरॉयड से 14 गुना बड़ा है, जिसने 6.5 करोड़ साल पहले धरती पर डायनासोरों का अंत किया था. मार्च 2024 में पहली बार इस Comet ने जबरदस्त बर्ताव दिखाया है और 8 मार्च को यह एक तेज़ जेट (गैस की धारा) छोड़ते हुए देखा गया. इसके बाद 17 मार्च को एक और, लेकिन थोड़ा कमज़ोर जेट निकला. यह धूमकेतु Oort Cloud नामक एक बहुत ही दूर के इलाके से आया है, जो प्लूटो और काइपर बेल्ट से भी आगे मौजूद है.

वैज्ञानिकों ने चिली की Atacama Large Millimetre/submillimeter Array (ALMA) दूरबीन से इसकी जांच की और पाया कि यह धूमकेतु अपनी सतह से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बहुत तेज़ी से छोड़ रहा है, जो इसे और भी ज्यादा खतरनाक और दिलचस्प बनाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या यह जल्द ही पृथ्वी के करीब आएगा?

हालांकि, यह धूमकेतु बहुत बड़ा और एक्टिव है, लेकिन यह धरती के बेहद करीब नहीं आएगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह धूमकेतु सोलर सिस्टम के भीतरी हिस्से तक तो आएगा, लेकिन पृथ्वी के लिए कोई सीधा खतरा नहीं है.

अमेरिकन यूनिवर्सिटी और नासा गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर के एस्ट्रोकेमिस्ट नाथन रोथ ने कहा कि धूमकेतु को देखने से उन्हें विशाल, बर्फीले दुनिया के बारे में जानने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा, 'हम विस्फोटक गैसों के निकलने के पैटर्न देख रहे हैं जो इस बारे में नए सवाल खड़े करते हैं कि यह धूमकेतु आंतरिक सौर मंडल की ओर अपनी यात्रा जारी रखते हुए कैसे विकसित होगा.'

8 मार्च को पहली बार देखा गया
8 मार्च को पहली बार इसे देखा गया तो, वैज्ञानिकों ने धूमकेतु के नाभिक से जेट निकलते हुए देखा. इसलिए ऐसा लगा कि जब तक इसने अपना दूसरा जेट छोड़ा, तब तक यह थोड़ा शांत हो गया था. खगोलविदों को दूसरे अवलोकन में केवल एक जेट दिखाई दिया, लेकिन उन्हें लगता है कि यह बस नजर से ओझल हो गया होगा. 

यूरेनस के पास धूमकेतु 
इस अवलोकन के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि धूमकेतु को तब देखा गया जब यह यूरेनस की ऑर्बिट के अंदर था, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से करीब 16 गुना ज्यादा है. इसका आकार इसे और भी खास बनाता है, क्योंकि यह ऊर्ट क्लाउड से पिछले विशालकाय धूमकेतु हेल-बोप के अनुमानित आकार से दोगुना है. जबकि सबसे बड़ा धूमकेतु 95P/चिरोन है, जो 210 किलोमीटर से ज्यादा चौड़ा है. यह शनि और यूरेनस के बीच सूर्य के चारों तरफ एक निश्चित कक्षा में घूमता है.

क्या धूमकेतु C/2014 पृथ्वी तक पहुंचेगा?
सोलर सिस्टम से गुज़रने वाला राक्षसी धूमकेतु पृथ्वी के करीब नहीं आएगा. यह 29 जनवरी 2031 को शनि की कक्षा तक पहुंच जाएगा. वैज्ञानिक धूमकेतु के बारे में और ज्यादा जानने के लिए उत्सुक हैं. जब यह अपने सबसे नजदीक के बिंदु पर पहुंचेगा. वे इस बीच इसे देखना जारी रखेंगे.

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