Work From Home करने वालों को Google की धमकी! कहा- ऑफिस आओ नहीं तो निकाल देंगे...
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Work From Home करने वालों को Google की धमकी! कहा- ऑफिस आओ नहीं तो निकाल देंगे...

गूगल की कई टीमों ने रिमोट स्टाफ को जानकारी दी है कि अब उन्हें हाइब्रिड मॉडल अपनाना होगा. यानी उन्हें हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस आना पड़ेगा. जो कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें या तो नौकरी छोड़नी होगी.

Work From Home करने वालों को Google की धमकी! कहा- ऑफिस आओ नहीं तो निकाल देंगे...

गूगल ने एक बार फिर अपनी वर्क पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. अब कुछ कर्मचारियों को, जो पहले पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे, कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि या तो वे ऑफिस आकर काम करें या फिर कंपनी से जाने की तैयारी करें. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब गूगल एक तरफ लागत में कटौती कर रहा है और दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है.

CNBC को मिले एक आंतरिक नोट के मुताबिक, गूगल की कई टीमों ने रिमोट स्टाफ को जानकारी दी है कि अब उन्हें हाइब्रिड मॉडल अपनाना होगा. यानी उन्हें हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस आना पड़ेगा. जो कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें या तो नौकरी छोड़नी होगी या फिर उन्हें एक वॉलंटरी एग्जिट पैकेज दिया जाएगा.

महामारी के दौरान जब लगभग सभी टेक कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को अपनाया था, अब वही कंपनियां दोबारा ऑफिस कल्चर को बढ़ावा देने लगी हैं. गूगल भी उनमें से एक है जो अब पांच साल बाद ऑफिस वर्क को फिर से सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है.

गूगल की टेक्निकल सर्विसेज और पीपल ऑपरेशन्स (HR) जैसी टीमें इस नई पॉलिसी को सबसे पहले लागू कर रही हैं. इन विभागों में काम करने वाले रिमोट कर्मचारी अब या तो हाइब्रिड वर्क मोड अपनाएं या फिर उन्हें ऑफिस के पास शिफ्ट होने के लिए एक बार का रिलोकेशन पैकेज दिया जाएगा. खास बात ये है कि जो कर्मचारी गूगल के ऑफिस से 50 मील के दायरे में रहते हैं, उनके लिए ये पॉलिसी अनिवार्य होगी. अगर वे जून तक ऑफिस नहीं आते तो उनकी नौकरी पर असर पड़ सकता है.

हालांकि, गूगल ने साफ किया है कि यह नियम सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. गूगल की प्रवक्ता कोर्टने मेंचिनी ने कहा कि यह फैसला हर टीम अपने स्तर पर ले रही है. उनका कहना है, “जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं, इन-पर्सन कोलैबोरेशन हमारी इनोवेशन और जटिल समस्याओं को सुलझाने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है.”

यह बदलाव गूगल के उस बड़े बदलाव का हिस्सा है जिसमें कंपनी अपनी प्राथमिकताओं को फिर से तय कर रही है और AI पर अधिक फोकस कर रही है. 2023 से ही गूगल ने कई टीमों में छंटनी और पुनर्गठन किया है ताकि AI प्रोजेक्ट्स के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हो सकें. एंड्रॉयड, क्रोम, नेस्ट और फिटबिट जैसी प्रोडक्ट यूनिट्स में पहले से ही कर्मचारियों को वॉलंटरी एग्जिट की पेशकश की गई थी.

इस साल की शुरुआत में गूगल के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन ने AI टीम्स को ऑफिस में अधिक समय बिताने की सलाह दी थी और 60 घंटे की वीक को प्रोडक्टिविटी के लिए ‘परफेक्ट बैलेंस’ बताया था. गूगल के लिए AI अब प्राथमिकता बन चुका है, और इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है.

2024 के अंत तक गूगल के पास लगभग 1.83 लाख कर्मचारी थे, जो 2022 के मुकाबले थोड़े कम हैं. नई रिटर्न-टू-ऑफिस नीति से स्पष्ट है कि कंपनी अब अपने ऑपरेशन्स को streamline कर इन-पर्सन वर्क को प्राथमिकता दे रही है.

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