ब्रिटेन के खुदरा व्यापारियों ने एक बार फिर वित्त मंत्री (Chancellor of the Exchequer) रेचेल रीव्स से अपील की है कि देश में आने वाले पर्यटकों के लिए टैक्स-फ्री शॉपिंग की व्यवस्था फिर से शुरू की जाए.
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ब्रिटेन के खुदरा व्यापारियों ने एक बार फिर वित्त मंत्री (Chancellor of the Exchequer) रेचेल रीव्स से अपील की है कि देश में आने वाले पर्यटकों के लिए टैक्स-फ्री शॉपिंग की व्यवस्था फिर से शुरू की जाए. सरकार की ओर से "विज़िटर इकोनॉमी" यानी पर्यटक आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की नई योजना पर विचार किया जा रहा है, और ऐसे समय में खुदरा कारोबारियों ने वापस से यह मुद्दा उठाया है.
2021 में बंद हुई थी यह व्यवस्था-
ब्रिटेन ने 2021 में यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद टैक्स-फ्री शॉपिंग की नीति को खत्म कर दिया था. उस समय के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने इसे एक ऐसा कदम बताया था जो सरकार के लिए घाटे का सौदा है, इसके तहत पहले विदेशी पर्यटक यूके में की गई खरीद पर 20% VAT (मूल्य वर्धित कर) की वापसी ले सकते थे.
नुकसान में हैं ब्रिटिश व्यापारी-
खुदरा व्यापारियों का कहना है कि टैक्स-फ्री शॉपिंग खत्म होने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और यूरोप के दूसरे देश जैसे कि फ्रांस और स्पेन इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल रिटेल (AIR) की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल यूरोपीय पर्यटकों से ही अगर यह सुविधा फिर से दी जाती है तो यूके को 3.65 बिलियन पाउंड (लगभग 4.9 बिलियन डॉलर) का अतिरिक्त व्यय मिल सकता है. वहीं, गैर-ईयू देशों से करीब 1.5 बिलियन पाउंड का खर्च यूके की जगह अन्य देशों में चला गया है.
सरकार पर है वित्तीय दबाव-
फिलहाल रेचेल रीव्स पहले से ही राजकोषीय घाटे की चुनौती झेल रही हैं. सरकार को कल्याण योजनाओं में बदलाव और धीमी आर्थिक वृद्धि की वजह से राजस्व की कमी हो रही है, इस वजह से टैक्स-फ्री शॉपिंग जैसी नीति को दोबारा लागू करना वित्त मंत्रालय के लिए कठिन फैसला हो सकता है, खासकर तब जब इस साल पेरोल टैक्स पहले ही बढ़ाया गया है.
खुदरा क्षेत्र का सामूहिक दबाव-
ब्रिटेन के सैकड़ों बड़े ब्रांड्स जैसे मलबेरी ग्रुप, फोर्टनम एंड मेसन और जॉन लुईस ने पिछले साल एक खुला पत्र लिखकर सरकार से इस नीति को बहाल करने की मांग की थी. उनका कहना है कि यूके यूरोप का इकलौता देश बन सकता है जो 450 मिलियन ईयू नागरिकों को टैक्स-फ्री शॉपिंग की सुविधा दे सकता है.
AIR की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2023 में यूके में पर्यटकों का खर्च 2019 के मुकाबले 92% रहा, जबकि स्पेन में यह 106% और फ्रांस में 110% पहुंच चुका है.
नतीजा क्या निकलेगा?
सरकार इस नीति को घाटे का सौदा मानती है, जबकि व्यापारी इसके दीर्घकालिक लाभ की ओर इशारा कर रहे हैं. अब देखना होगा कि आने वाले शरदकालीन बजट (Autumn Budget) में रेचेल रीव्स इस मसले पर क्या रुख अपनाती हैं. अगर सरकार टैक्स-फ्री शॉपिंग को बहाल करती है तो यह न केवल पर्यटकों के लिए राहत का कारण बनेगा, बल्कि ब्रिटेन की खुदरा अर्थव्यवस्था को भी नया जीवन दे सकता है.