भूख से तड़प-तड़पकर मर रहे लोग! खाना-पानी नहीं हो रहा नसीब; यहां बद से बदतर हुए हालात
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भूख से तड़प-तड़पकर मर रहे लोग! खाना-पानी नहीं हो रहा नसीब; यहां बद से बदतर हुए हालात

Gaza: समय के साथ गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और खाना तो दूर की बात लोगों को पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार, मई के अंत से 7 जुलाई के बीच मानवीय सहायता प्राप्त करने का प्रयास करते समय 798 फिलिस्तीनी मारे गए.

भूख से तड़प-तड़पकर मर रहे लोग! खाना-पानी नहीं हो रहा नसीब; यहां बद से बदतर हुए हालात

Gaza Aid Line or Death Line: गाजा पट्टी में समय बीतने के साथ ही हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और लोगों को खाना तो दूर की बात पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. खाद्य आपूर्ति बंद होने के बाद लोगों के बीच भूख खुलेआम दिखने लगी है. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, शुक्रवार (11 जुलाई) को दक्षिणी गाजा में राफा के पास राशन का इंतजार कर रहे कम से कम दस फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र के अनुसार केवल छह हफ्तों में सहायता से संबंधित मौतों की कुल संख्या लगभग 800 हो गई है. यह घटना कतर में इजराइल और हमास के बीच चल रही युद्धविराम वार्ता के बीच हुई है.

मदद लेना लोगों के लिए हो गया है घातक

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने शुक्रवार को कहा कि मई के अंत और 7 जुलाई के बीच मानवीय सहायता प्राप्त करने का प्रयास करते समय 798 फिलिस्तीनी मारे गए. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इनमें से 615 जीएचएफ (गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन) स्थलों के आसपास मारे गए. संयुक्त राष्ट्र का इशारा विवादास्पद नए अमेरिकी और इजराइल समर्थित सहायता समूह की ओर था, जिसने गाजा में संयुक्त राष्ट्र की सहायता वितरण भूमिका को प्रभावी ढंग से बदल दिया है.

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, जहां लोग खाना और दवा जैसी जरूरी चीजों के लिए कतारों में खड़े हैं, और जहां... उनके पास गोली खाने या खाना खाने के बीच विकल्प है, यह अस्वीकार्य है.' एएफपी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र, जीएचएफ के साथ सहयोग करने से इनकार करता है, क्योंकि उसे चिंता है कि यह संगठन इजरायली सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाया गया है.

इजरायल ने इन चिंताजनक आंकड़ों पर क्या कहा?

इजरायली सेना ने कहा कि वह इस ताजा घटना की जांच कर रही है और सहायता वितरण केंद्रों के पास नागरिकों की मौत की खबरों के बाद उसने सैनिकों को नए निर्देश जारी किए हैं. उसने आगे कहा कि वह सहायता चाहने वालों और सैनिकों के बीच 'संभावित टकराव' को कम करने के लिए काम कर रही है और उसने उन घटनाओं की 'गहन जांच' की है, जिनमें 'वितरण केंद्रों पर पहुंचे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने' की खबरें आई थीं. हालांकि, गाजा मानवतावादी फाउंडेशन ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को 'झूठा और भ्रामक' बताते हुए खारिज कर दिया और दावा किया कि 'सहायता स्थलों पर अधिकांश घातक हमले संयुक्त राष्ट्र के काफिलों से जुड़े हुए हैं.'

कब होगा युद्धविराम का ऐलान?

गाजा में हमास और इजरायल के बीच युद्ध अपने 22वें महीने में प्रवेश कर गया है और गाजा पट्टी पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुकी है. इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार (10 जुलाई) को संभावित 60-दिवसीय युद्धविराम समझौते के बारे में आशा व्यक्त की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसे कुछ दिनों में अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक बार ऐसा हो जाने के बाद वह दुश्मनी को और अधिक स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए बातचीत करने के लिए तैयार होंगे.

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सुमित राय

राजनीतिक खबरें लिखने और पढ़ने के अलावा समय निकालकर घूमने का शौक है. खाना बनाने और खाने में मजा आता है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से जर्नलिज्‍म की मास्‍टर डिग्र...और पढ़ें

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