अब अमेरिका में पढ़ाई का सपना रह जाएगा अधूरा? ट्रंप की पॉलिसी ने लटकाया भारतीय छात्रों का भविष्य
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अब अमेरिका में पढ़ाई का सपना रह जाएगा अधूरा? ट्रंप की पॉलिसी ने लटकाया भारतीय छात्रों का भविष्य

Study In US: अमेरिका में ट्रंप शासन के लौटने के बाद से वहां पढ़ने के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की मुसीबत बढ़ गई है. उन्हें एडमिशन लेने में परेशानी हो रही है.  

अब अमेरिका में पढ़ाई का सपना रह जाएगा अधूरा? ट्रंप की पॉलिसी ने लटकाया भारतीय छात्रों का भविष्य

Indian Students In USA: अन्य देशों के मुकाबले अधिक मात्रा में भारतीय छात्र हर साल अमेरिका पढ़ने के लिए जाते हैं. वहीं अब ट्रंप प्रशासन के सत्ता में वापस लौटने के बाद से इसको लेकर नई असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए अप्लाई करने वाले छात्रों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से वीजा के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों के साथ साक्षात्कार पर रोक लगाने के फैसले के बाद वे असमंजस की स्थिति में आ गए हैं. 

सोशल मीडिया की कर रहे सफाई 
कुछ लोग स्टेट डिपार्टमेंट के सोशल मीडिया के इस्तेमाल की जांच करने की बात कहने के बाद अपनी फीड को साफ करने में लगे हैं. वे कुछ अकाउंट को अनफॉलो कर रहे हैं और कई जगहों पर से अपने कमेंट्स डिलीट कर रहे हैं. कई तो एन्क्रिप्टेड ग्रुप चैट के जरिए समाचार और जानकारी जुटा रहे हैं. कुछ लोग वहां जाने के बाद अपने लिए कुछ बैकअप की तलाश भी कर रहे हैं. 

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अमेरिका में पढ़ाई के लिए खड़ी हुई मुसीबत 
'TOI'की एक रिपोर्ट के मुताबिक 28 साल के कौशिक शर्मा ने कहा,' मैंने अमेरिका में टॉप पॉलिसी प्रोग्राम मों में एंट्री पाने के लिए सावधानीपूर्वक अपना प्रोफाइल बनाया है.' उन्होंने अमेरिका में रिसर्च करने का अपना अपना सपना बताया, लेकिन उनका कहना है कि वर्तमान माहौल उन्हें आवेदन को लेकर घबराहट पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा,' मैं वहां जाकर लगातार डर की स्थिति में नहीं रहना चाहता.' कौशिक के मुताबिक अब वह ब्रिटेन और सिंगापुर की यूनिवर्सिटी में इसी तरह के पब्लिक पॉलिसी प्रोग्राम पर विचार कर रहे हैं.   

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बीच में लटक जाएगा छात्रों का सपना? 
मामले को लेकर करियर काउंसलर करण गुप्ता ने बताया कि बीते कुछ दिनों से उनके पास काफी कॉल्सल आए हैं. उन्होंने कहा,' ऐसे छात्र हैं जिनके पास एडमिशन लेटर हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि उन्हें वीजा अपॉइंटमेंट मिल भी पाएगा या नहीं. वहीं अमेरिका में रहने वाले छात्र अपने वीजा स्टेटस को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिकी स्कूलों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से एक तिहाई या लगभग 330,000 छात्र भारत से हैं. साल 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में यह संख्या बढ़कर  चीन से भी आगे निकल जाएगी. उन्होंने कहा कि यह समस्या 22 मई को शुरू हुई, जब ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को इंटरनेश्नल स्टेडेंट्स के रजिस्ट्रेशन से बैन कर देगा. 5 दिन बाद फॉरेन डिपार्टमेंट ने कहा कि वह स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई करने वाले विदेशी नागरिकों के इंटरव्यू पर रोक लगा देगा क्योंकि यह उनके सोशल मीडिया पोस्ट की जांच का दायरा बढ़ाएगा, हालांकि एक जज ने प्रशासन के हार्वर्ड के खिलाफ कदम को रोक दिया है. 
फॉरेन डिपार्टमेंट का कहना है कि उसके आदेश से पहले निर्धारित छात्रों के इंटरव्यू जारी रहेंगे.

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श्रुति कौल

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्री-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विज्ञान और ट्रेवल से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लिख...और पढ़ें

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