शादी की पहली रात किसी भी कपल के लिए बेहद खास होती है. दूल्हा और दुल्हन पहली रात से नई जिंदगी की शुरूआत करते हैं. शादी की पहली रात को सुहागरात कहते हैं. फिल्मों ने सुहागरात के मतलब को ही बदल दिया. सुहागरात का नाम जेहन में आते ही फूलों से सजा बिस्तर, दूध का गिलास और शर्माती दुल्हन नजर आती है. क्या आप सुहागरात का असली मतलब जानते हैं. आइए जानते हैं सुहागरात का असली अर्थ क्या है.
सुहागरात दो शब्दों से मिलकर बना एक सब्द है. सुहाग और रात, सुहाग शब्द संस्कृत भाषा के 'सौभाग्य' या 'सुभाग्य' से बना है, इस शब्द का अर्थ महिला के वैवाहिक सौभाग्य से है, इसके अलावा यह शब्द महिला के पति की लंबी उम्र और सुख-समृ्द्धि को बताता है. रात का सीधा मतलब रात ही है. सुहागरात का अर्थ वैवाहिक सौभाग्य की रात से है. सुहागरात के दिन ही पति-पत्नी पहली बार एक दूसरे के करीब आते हैं.
सुहागरात की शुरुआत मुगल और राजघरानों से हुई थी. मध्यकाल के दौरान सुहागरात एक फंक्शन या समारोह के रूप में मनाया जाता है जो कि शादी के साथ जुड़ी होती थी. उस दौरान सुहागरात पर बिस्तर को गुलाब से सजाया जाता है वहीं इत्र का इस्तेमाल किया जाता है. दुल्हा और दूल्हन को एक साथ बैठाया जाता था.
ब्रिटिश शासन के आने के बाद वेस्टर्न और इंडियन कल्चर आपस में घुल-मिल गए. जिसके बाद सुहागरात को शादी की तरह पवित्र माना गया. समय के साथ सुहागरात के साथ इमोशन जुड़ते गए.
भारत में काफी सांस्कृतिक विविधता और अलग अलग परंपराएं देखने को मिलती है. बंगाल में सुहागरात को फूलशय्या कहते हैं जिसका अर्थ होता है फूलों की सेज. वहीं तमिलनाडू इरावु थिरुमा कहते हैं वहीं हाराष्ट्र में पहिली रात्र. और राजस्थान और पंजाब में सुहागरात शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
सुहागरात के दौरान फूलो से साज बिस्तर सुंदरता, पवित्रता का प्रतीक होता है. फूल और दूध का गिलास रोमांटिक माहौल के लिए ही नहीं बल्कि एक नए रिश्ते की शुरूआत का प्रतीक होता है. आज के समय में सुहागरात पर सजा कमरा इमोशन और साइकोलॉजिकल चेंज का प्रतीक है. सुहागरात रोमाटिंक नाइट से कहीं ज्यादा बढ़कर है. यह दो लोगों के लिए साझा जीवन की इमोशनल शुरुआत का भी प्रतीक होता है.
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