Pakistan Army Chief US Visit: अमेरिका भी आतंकवाद को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान से उकता गया है. वो आतंकवाद के मुद्दे पर अब पाकिस्तान से दो टूक बात करना चाहता है. पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर के वाशिंगटन दौरे को इसी मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है.
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Pakistan Army Chief US Visit: पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका से बुलावा आया है. बताया जा रहा है कि मुनीर अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ पर होने आयोजन में 14 जून को शिरकत करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य शीर्ष अधिकारियों से उनकी मुलाकात से भी इनकार किया जा रहा है. भारत औऱ पाकिस्तान के बीच तनाव और इसे खत्म करने को लेकर ट्रंप की बढ़ती दिलचस्पी के बीच यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. ट्रंप ने दर्जनों बार ये दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर संघर्षविराम कराया था.
आसिम मुनीर का वाशिंगटन दौरा ये संकेत देता है कि पाकिस्तान में कमान किसके हाथ में है. कमजोर गठबंधन सरकार चला रहे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की जगह अमेरिका अब सीधे जनरल मुनीर से आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा एक्शन चाहता है. ट्रंप सरकार चाहती है कि पाकिस्तान ने सोवियत संघ से शीत युद्ध के दौरान अफगानिस्तान में जिहाद की लेकर जो नीति शुरू की थी, उसे वो पूरी तरह खत्म करे. सोवियत संघ के विघटन के बाद पाकिस्तान जिहाद के इसी हथियार का इस्तेमाल भारत, ईरान और अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ कर रहा है.
चीन भी अमेरिका की चिंता
अमेरिका की चिंता यह भी है कि पाकिस्तान आंख मूंदकर चीन की गोद में जा बैठा है. हथियारों से लेकर निवेश-कारोबार तक वो पूरी तरह चीन पर निर्भर होता जा रहा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी ट्रंप प्रशासन की चिंता का सबब बना है. चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) और चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से अमेरिका टेंशन में है. अमेरिका नहीं चाहता कि पाकिस्तान चीन का मोहरा बने और एशिया-यूरोप को जोड़ने के बेल्ट रोड परियोजना से चीन अमेरिका से बड़ी महाशक्ति बन जाए.
पाकिस्तान में दुर्लभ खनिजों का खजाना
पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में लीथियम जैसे दुर्लभ खनिजों का जो भंडार मिला है, अमेरिका की नजरें भी इस पर है. पाकिस्तान में लीथियम, गोल्ड, कॉपर जैसे दुर्लभ खनिज तत्वों का जो बड़ा भंडार मिला है, अमेरिका को चिंता है कि वो चीन के हाथ न लग जाए. 960 अरब डॉलर के कर्ज में डूबे पाकिस्तान के बजट की करीब आधी रकम ब्याज और कर्ज भुगतान में जा रही है. चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा कर्जदाता है और उसे 15 अरब डॉलर का लोन दे रखा है. अमेरिका अभी ऐसे रेयर अर्थ मैटेरियल को लेकर चीन पर निर्भर है. अमेरिका की इसी दुखती रग का फायदा उठाते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उसे व्यापार और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में चीन के छात्रों के पढ़ने के मुद्दे पर ट्रंप को झुकने पर मजबूर किया.
पाकिस्तान में तख्तापलट की अटकलें
खबरों के मुताबिक, मुनीर 12 जून को वाशिंगटन पहुंचने वाले हैं. मुनीर को हाल ही में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने फील्ड मार्शल बनाया है.अमेरिका बखूबी जानता है कि कमजोर गठबंधन की शहबाज सरकार की जगह पाकिस्तान में कमान किसके हाथों में है. अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेंडी वेंस और अन्य अफसरों ने हाल ही में दो टूक कहा है कि पाकिस्तान को जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है. सेना और आईएसआई से ऐसे आतंकी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद, हथियारों और घुसपैठ की ट्रेनिंग की बात भी किसी से छिपी नहीं है. पाकिस्तान में करीब दो साल में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की रिहाई का मुद्दा भी उठ सकता है.
मुनीर ने इससे पहले 2023 में वाशिंगटन का दौरा किया था, तब उन्होंने जो बाइडेन सरकार में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, उप विदेश मंत्री स्टीफन बिग्वेन और यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मुलाकात की थी. अप्रैल में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने रावलपिंडी में मुनीर से मुलाकात की थी.