Pakistan China News in Hindi: अपने देश की कंगाली दूर करने के लिए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ अब गधों के बाद कुत्तों का भी एक्सपोर्ट करने वाला है. गली-गली से आवारा कुत्तों को इकट्ठा करके उन्हें चीन को बेचा जाएगा.
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Pakistan export dogs to China: मौलाना साहब ने पाकिस्तानी हुकूमत को मुल्क की गरीबी दूर करने का आईडिया क्या दिया. पाकिस्तान में मौजूद कुत्तों में भगदड़ मच गई. पाकिस्तान की गली-गली में घूमने वाले आवारा कुत्ते इस कदर सहम गए कि कोई दाएं भागा तो कोई बाएं. कुछ पाकिस्तानी कुत्ते तो अपनी जान बचाने के लिए बॉर्डर पार करने को उतारु हो गए.
अब सवाल ये है कि पाकिस्तानी कुत्तों पर किस तरह का खतरा मंडरा है. आखिर क्यों पाकिस्तान के कुत्तों को पकड़ने के लिए मुनीर सेना तक को मोर्चा संभालना पड़ा. क्यों पाकिस्तानी फौज कुत्तों को तलाशने के लिए इस्लामाबाद से कराची तक कदमताल कर रही है. ये जानने के लिए आप पाकिस्तान के इस मौलाना की बात जाननी चाहिए.
पाकिस्तानी मौलाना की शहबाज को सलाह
पाकिस्तानी मौलाना के अनुसार, 'अगर गर्वेमेंट ऑफ पाकिस्तान हम जैसे शख्स की राय कबूल कर ले. इन सब कुत्तों को जमा करे. एक फॉर्म हाउस बनाएं. इनको नहलाए-धुलाए अच्छा खिलाएं और जबरदस्त किस्म की सेहत बना दें इनकी. फिर आप चाइना से एग्रीमेंट करें एक्सपोर्ट का क्योंकि चाइना जो है वो कुत्ते वगैरह खाते भी हैं. वो जो कुत्तों का इस्तेमाल करना चाहे. मुझे उम्मीद है आपके सस्ते कुत्ते बड़ी खुददिली के साथ लिए जाएंगे. फीमेल अपने पास रख लें. इनकी ब्रीड करवाए और सालाना लाखों कुत्ते जो सड़कों और मोहल्लों में घूमते हैं. उन्हें भी इधर लेकर आ जाएं तो मोहल्ले पाक हो जाएंगे. वहां पर भी खतरा खत्म और एक अच्छी तिजारत आपके वजूद में आ जाएगी.'
बस मौलाना साहब के इसी आईडिया को सुनकर शहबाज शरीफ अपनी कुर्सी से खड़े हो तालियां पीटने लगे और सीधे पाकिस्तान की गरीबी दूर करने के लिए पाकिस्तान के कौमी खजाने को भरने के लिए कुत्तों को नीलाम करने का ऑर्डर कर दिया ताकि अपने आका को खुश कर सके.
गधों के बाद अब कुत्तों का करेगा एक्सपोर्ट
अरे भाईजान, पाकिस्तान ने लाज-शर्म दशकों पहले ही बेच खाई है. और खाने से याद आया कि भले ही पाकिस्तानी ये दावा करें कि गधे के बाद बाद वो कुत्तों का एक्सपोर्ट चीन में करेगा क्योंकि जिनपिंग के मुल्क में कुत्तों को चाव से खाता है. चीन में कुत्ता-टंगड़ी, कुत्ते के मांस से बना सूप, कुत्ता फ्राईड राइस हर गली-नुक्कड़ पर मिल जाएगा. लेकिन पाकिस्तानी भी कुत्ते कबाब और कुत्ता बिरायानी कुत्ता निहारी खाने में पीछे नहीं. ये दावा हम नहीं बल्कि खुद पाकिस्तानी एक्सपर्ट कर रहे हैं. यकीन ना हो तो आप खुद सुन लीजिए.
पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी के मुताबिक, 'वैसे तो मैंने सुना है कि लाहौर के लोग गधे-खोते बल्कि कुत्ते भी खाते रहे हैं. काफी अर्से से उनके यहां कुत्तों का मांस मिलता है. कई बार तो छापे मार-मारकर पुलिसवालों ने ऐसी दुकानें भी पकड़ी है. जहां पर कुत्ते का गोश्त तो कभी गधे का गोश्त तो कभी किसी को गोश्त बिक रहा था. ना जाने लाहौर वालों को ये कौन सी नयी बीमारी लगी है. बहरहाल ये बीमारी बहुत पुरानी है उनकी.'
ये बीमारी नहीं बल्कि लाचारी है. तभी तो पाकिस्तान अब इतना गिर चुका है कि वो गधे के बाद कुत्ते बेचने पर उतारू है ताकि हर हाल में जिनपिंग को खुश कर सके. कुत्तों के बदले चीन से चंद डॉलर कमा सके. बस शहबाज के इस नए धंधे से पाकिस्तानी भी तौबा-तौबा कर रहे हैं.
पाकिस्तान में कुत्तों की संख्या 30 लाख
सब पैसे का चक्कर है जनाब...तभी तो शहबाज शरीफ सरेआम पाकिस्तानी कुत्तों का कत्लेआम कराने पर उतारू है. जबकि दावा किया जाता है कि इस्लाम में कुत्तों को काटना, उनका गोश्त बेचना हराम है. लेकिन शहबाज को इससे क्या मतलब. वो सीना चौड़ा करके पाकिस्तानी कुत्तों का संहार करने का ऑर्डर दे चुके हैं. पाकिस्तान की गली-गली में जितने भी आवारा कुत्ते हैं. उन्हें पकड़ने के लिए सेना को उतार चुके हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा कुत्ते कैप्चर कर उनको चीन एक्सपोर्ट किया जा सके और पाकिस्तान से गरीबी का नामोनिशान मिटा सके.
आखिर कैसे. ये भी समझाते हैं. दरअसल, पाकिस्तान में आवारा कुत्तों की आबादी करीब 30 लाख है. एक पाकिस्तानी कुत्ते की कीमत करीब 1000-1500 तक है. इसी कीमत पर पाकिस्तानी कुत्ते चीन में एक्सपोर्ट किए जाएंगे. चीन के लोगों को कुत्तों का मांस बेहद पंसद आता है. चीन में 'डॉग-मीट' फेस्टिवल का भी आयोजन किया जता है. दावा किया जाता है कि ड्रैगन कंट्री इंसान को छोड़कर बाकी हर चीज को डकार जाते हैं. चीन के लोग तो कुत्ते का खून और हड्डियों का दवाईयों में इस्तेमाल करते हैं. चीन में जो डॉग फेस्टिवल होता है. उसमें तो जिंदा कुत्तों को फ्राई करके खाया जाता है.
अब कुत्ते बेचकर देश चलाएंगे शहबाज
बस चीन के इसी फेस्टिवल को ध्यान में रखकर शहबाज ने पाकिस्तानी कुत्तों पर दांव लगा दिया ताकि जिनपिंग खुश हो जाए और पाकिस्तान को मरियल से मरियल कुत्ते की मुंह मांगी कीमत मिल जाए. पैसे के लिए शहबाज शरीफ तो खुद को नीलाम कर सकते हैं. पाकिस्तानी कुत्ते तो बेहद मामूली चीज है. तभी तो शहबाज के इस नए धंधे में फायदा ही फायदा देखकर अब पाकिस्तानी भी कुत्ता एक्सपोर्ट करने का बिजनेस शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.
गधे तो गधे अब पाकिस्तानी कुत्तों की भी शामत आ गयी. पाकिस्तान के कुत्ते दर-बदर भटक रहे हैं. एक कोना तलाश रहे हैं जहां शहबाज का साया भी ना दिखे. लेकिन शहबाज तो ठहरे जिनपिंग के गुलाम. लिहाजा आका के फरमान पर पाकिस्तान कुत्तों को कुर्बान करने से भी नहीं हिचके.