बिहार: औरंगाबाद में भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था सूर्य मंदिर, जानिए इसकी खास बातें
Advertisement
trendingNow12128876

बिहार: औरंगाबाद में भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था सूर्य मंदिर, जानिए इसकी खास बातें

औरंगाबाद का देव सूर्य मंदिर छठ पूजा के लिए विख्यात है. कहते हैं कि इसका निर्माण खुद भगवान विश्वकर्मा ने किया था. यहां पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सभी सूर्य मंदिरों के द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं जबकि इस मंदिर का द्वार पश्चिम की ओर खुलता है.

बिहार: औरंगाबाद में भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था सूर्य मंदिर, जानिए इसकी खास बातें

नई दिल्लीः बिहार में एक ऐसा मंदिर है जिसे स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था. औरंगाबाद जिले में स्थित यह मंदिर, देव सूर्य मंदिर के नाम से जाना जाता है. बिहार के इस सूर्य मंदिर से हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था जुड़ी है. ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण त्रेता युग में स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था. 

  1. यहां लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं
  2. मशीनों व औजारों की पूजा की जाती है

मंदिर के शिल्प व स्थापत्य में नागर व द्रविड़ शैली का समन्वय नजर आता है. हर साल छठ पर्व के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से इस मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

यह मंदिर क्यों खास है?
मान्यता है कि औरंगाबाद का एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसका निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं किया था. ऐसा कहा है कि जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में पूरा हो गया था. भगवान विश्वकर्मा का यह मंदिर है जो भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं अपने हाथों से बनाया था. 

यह मंदिर अस्ताचल गामी सूर्य को समर्पित है, जो कि अत्यंत दुर्लभ है. यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है. सभी सूर्य मंदिरों के द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं जबकि इस मंदिर का द्वार पश्चिम की ओर खुलता है.
 
मंदिर की विशेषताएं
इस मंदिर का गर्भगृह 12 फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा है. गर्भगृह में मुख्य प्रतिमा भगवान सूर्य की है, जो 7 फीट ऊंची है. मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी हैं, जैसे कि भगवान शिव, भगवान गणेश, और भगवान विष्णु. मंदिर का शिखर 12 फीट ऊंचा है और यह पत्थरों से बना है. मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर अद्भुत कलाकृति देखने को मिलती है. हर साल कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है. इस मौके पर भगवान विश्वकर्मा की और कारखानों के यंत्रों, मशीनों व औजारों की पूजा की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

Trending news

;