Guru Pushya Yog: 2024 में शुभ योगों की भरमार, इस साल 6 बार बनेगा गुरु और रवि पुष्य योग का संयोग
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Guru Pushya Yog: 2024 में शुभ योगों की भरमार, इस साल 6 बार बनेगा गुरु और रवि पुष्य योग का संयोग

Guru Pushya Yog 2024: साल 2024 में बेहद शुभ संयोग बनने वाले हैं. इन शुभ संयोगों का निर्माण पुष्य नक्षत्र से होगा जिसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. इस योग में कुछ कार्यों को करने से सफलता मिलती है और मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है. आइए जानते हैं इस योग का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन क्या करना चाहिए.

Guru Pushya Yog: 2024 में शुभ योगों की भरमार, इस साल 6 बार बनेगा गुरु और रवि पुष्य योग का संयोग

नई दिल्लीः  Guru Pushya Yog 2024: ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र पुष्य आता है जिसके कारण गुरु पुष्य योग बनता है. इस योग में गुरु बृहस्पति और पुष्य नक्षत्र के मिलन के कारण यह योग बेहद शुभ माना जाता है. इस योग में गुरु बृहस्पति और पुष्य नक्षत्र के मिलन के कारण यह योग बेहद शुभ माना जाता है. इस योग के दौरान किए गए कार्यों में सफलता मिलती है. इसी के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है. 

  1. पुष्य नक्षत्र विशेष फलदायी
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  3. पुष्य नक्षत्र की धातु है सोना

मान्यता है कि इस नक्षत्र में व्यापार का शुभारंभ करना, खरीदारी करना और धन का निवेश आदि कार्य करना बेहद शुभ और लाभकारी होता है. ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को देवताओं द्वारा पूजने वाला नक्षत्र बताया गया है.

साल 2024 खरीदारी के लिए विशेष शुभ रहेगा. खरीदारी के लिए विशेष शुभ माने जाने वाले गुरु और रवि पुष्य योग का संयोग साल में छह बार बनेगा. इनमें चार बार गुरु पुष्य योग रहेगा और दो बार रवि पुष्य योग का संयोग रहेगा. इसी प्रकार 25 बार अमृत सिद्धि योग और लगभग 90 दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा. 

विशेष योग कब है
पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना है इसलिए इसमें खरीदारी विशेष फलकारी मानी है. इस नक्षत्र में खरीदारी का विशेष महत्व है. इसी प्रकार सर्वार्थ सिद्धि योग में की जाने वाली खरीदारी सभी प्रकार की सिद्धि देती है. अमृत सिद्धि योग में शुभ कार्य और खरीदारी अमृत तुल्य फल प्रदान करते हैं, इसलिए इन योगों में खरीदारी करना लाभकारी होता है. रवि योग सूर्य प्रधान योग है, खरीदारी के लिए यह भी विशेष माना गया हैं.

पुष्य नक्षत्र विशेष फलदायी
वैसे तो पुष्य नक्षत्र हर माह आता है, लेकिन जब भी यह रविवार और गुरुवार के दिन आता है तो रवि पुष्य और गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है, जो खरीदारी के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया हैं. इसमें की गई खरीदारी स्थायित्व प्रदान करती है और सोना, चांदी, भूमि, भवन, वाहन, आभूषण सहित सभी प्रकार की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना गया हैं.

शुभ संयोग 
25 जनवरी - गुरु पुष्य
22 फरवरी - गुरु पुष्य
09 जून - रवि पुष्य
04 अगस्त - रवि पुष्य
24 अक्टूबर - गुरु पुष्य
21 नवम्बर - गुरु पुष्य

गुरु पुष्य योग में महालाभ
इस नक्षत्र के दौरान कोई भी चीज खरीदते हैं. उस वस्तु का अस्तित्व लंबे समय तक के लिए बना रहता है. पुष्य नक्षत्र पर गुरु बृहस्पति और शनि ग्रह का अधिपत रहता है इस वजह से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है. इसी के साथ इस नक्षत्र में आप गुरु बृहस्पित का शुभ आशीर्वाद पाने के लिए उनसे संबंधित चीजें खरीद सकते हैं, जैसे की पीतल के पात्र, पीले रंग के वस्त्र, सोने के आभूषण इत्यादि. हिंदू धर्म के अनुसार इस नक्षत्र के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. पुष्य नक्षत्र में मां लक्ष्मी की आराधना करने से वह शीघ्र प्रसन्न होती है और धन-धान्य से झोली भर देती हैं.

स्थायी होता है पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र को शास्त्रों में अमरेज्य भी कहते हैं. यानी वो नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है. इसका स्वामी शनि होता है लेकिन प्रकृति गुरु के जैसी होती है. जब भी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र पड़ता है तो इससे बनने वाला गुरु पुष्य योग सुख-समृद्धि और सफलता देने वाला होता है. वहीं, रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य संयोग बनता है. 

पुष्य नक्षत्र की धातु है सोना
पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदी समृद्धि देने वाली होती है. इस नक्षत्र की धातु सोना है इसलिए इस योग में सोना और सोने के आभूषण खरीदने से समृद्धि बनी रहती है.
   
(Disclaimer:
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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