बदलती दुनिया में युद्ध के तरीके भी बदल रहे हैं. आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस एडवांस्ड ड्रोन टेक्नोलॉजी डिमांड में है. तुर्की ने नई पीढ़ी के बायरकतर TB-2T - AI ड्रोन को लॉन्च किया है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या भारत के पास भी एआई पावर्ड ड्रोन हैं? जानें इस बारे मेंः
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नई दिल्लीः बदलती दुनिया में युद्ध के तरीके भी बदल रहे हैं. आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस एडवांस्ड ड्रोन टेक्नोलॉजी डिमांड में है. तुर्की ने नई पीढ़ी के बायरकतर TB-2T - AI ड्रोन लॉन्च किया है. ये टर्बो इंजन और एआई क्षमताओं से लैस है. बेहतर ऊंचाई और गति के लिए इसके इंजन को अपडेट किया गया है.
ड्रोन के नए वेरिएंट में लगे टर्बो इंजन के चलते इसकी स्पीड 300 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है जबकि ये 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. ये बायरकतर TB2 की तुलना में नए इंजन से दोगुनी उड़ान भरी जा सकती है. बायरकतर TB2 करीब 16 हजार फीट तक उड़ान भर सकता है. बायरकतर TB-2T - AI ड्रोन में तीन एआई कंप्यूटर हैं. इससे ये नेविगेशन, ऑटोमेटिक रनवे पहचान और गतिशील उड़ान पथ के लिए अनुकूलन देता है.
ड्रोन में एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत भी कर रहा है. वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के पास एआई संचालित ड्रोन मौजूद हैं और इनके विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. भारत ने हाल के वर्षों में ड्रोन तकनीक को अपनी रक्षा रणनीति का एक अहम हिस्सा बनाया है. इसमें एआई का इस्तेमाल इन ड्रोनों को अधिक स्वायत्त, सटीक और प्रभावी बनाने के लिए किया जा रहा है.
भारतीय सेना ने साल 2021 में सेना दिवस परेड के दौरान स्वदेशी रूप से विकसित 75 स्वार्म ड्रोनों का प्रदर्शन किया था. ये ड्रोन एआई से लैस हैं और बिना मानव हस्तक्षेप के दुश्मन के इलाकों में लक्ष्य पर निशाना साध सकते हैं. ये 50 किमी तक की उड़ान भरने और 500 मीटर की दूरी से हमला करने में सक्षम हैं. इनका इस्तेमाल निगरानी, लक्षित हमलों और आपूर्ति पहुंचाने जैसे कार्यों के लिए किया जा सकता है.
डीआरडीओ ने स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन 'घातक' बनाया है. ये एक मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) है. इसका पहली टेस्टिंग हो चुकी है. ये एआई तकनीक से संचालित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. यह ड्रोन रडार से बचने और तेज गति से हमला करने में सक्षम है.
भारतीय सेना और वायु सेना के पास एआई आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम भी हैं. लेजर-आधारित सिस्टम दुश्मन के ड्रोनों को जाम करने या नष्ट करने में सक्षम हैं. इनका इस्तेमाल उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर तैनाती के लिए किया जा रहा है.
मेक इन इंडिया के तहत ड्रोन बनाने में आत्मनिर्भर होने पर जोर दिया जा रहा है. डीआरडीओ, भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) और निजी स्टार्टअप्स जैसे आइडिया फोर्ज के साथ मिलकर एआई-संचालित ड्रोन विकसित किए जा रहे हैं. सरकार ने ड्रोन नियम 2021 को सरल बनाकर स्टार्टअप्स और निजी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया है. इससे एआई-संचालित ड्रोन के विकास में तेजी आई है.
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