Emergency History in India: भारत में तीन बार इमरजेंसी लागू हुई. दो बार राष्ट्रीय खतरे को देखते हुए लागू की गई. जबकि एक बार आंतरिक अशांति का हवाला देते हुए आपातकाल लगाया गया. इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी सबसे अधिक चर्चा में रहती है, ये लोकतंत्र के लिए काला अध्याय मानी जाती है.
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Emergency History in India: भारत के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो पन्नों में दर्ज हो गई हैं. इनमें से कई बेहद सुनहरी और यादगार घटनाएं हैं, जिनका जिक्र आते ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. जबकि कई घटनाएं ऐसी हैं, जिन्हें याद करके ही कुछ लोग सिहर उठते हैं. बहरहाल, इमरजेंसी की यादें भी लोगों की बुरे सपने जैसी ही हैं. चलिए, जानते हैं कि भारत में कितनी बार और कब-कब इमरजेंसी लागू हुई है.
किस कानून के तहत लागू होती है इमरजेंसी?
सबसे पहले तो ये जान लें कि इमरजेंसी किस कानून के तहत लागू होती है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352, 356 और 360 के तहत आपातकाल लागू किया जा सकता हैं. किन्हीं विशेष या चिंताजनक परिस्थितियों मर इमरजेंसी लागू करने का अधिकार दिया गया है.
भारत में तीन बार लागू हुई इमरजेंसी
1. भारत-चीन युद्ध के दौरान लगा पहला आपातकाल
भारत में पहला आपातकाल 26 अक्टूबर, 1962 को लगा. दरअसल, 20 अक्टूबर 1962 से भारत-चीन का युद्ध शुरू हो गया था. ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए पहली इमरजेंसी लागू हुई. बता दें कि तब अनुच्छेद 352 के तहत इमरजेंसी लागू हुई थी. बाहरी आक्रमण के आधार पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा हुई. यह इमरजेंसी 10 जनवरी, 1968 तक रही.
2. भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लगा तीसरा आपातकाल
भारत में दूसरा आपातकाल 3 दिसंबर, 1971 को लागू हुआ. तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जो बांग्लादेश आजादी के लिए लड़ा गया था. पाकिस्तान से तनाव और बांग्लादेश में शरणार्थी संकट के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा था. इस कारण अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू हुआ था. ये 21 मार्च, 1977 तक चला.
3. इंदिरा गांधी ने लागू किया तीसरा आपातकाल
भारत में तीसरा आपातकाल 25, 1975 को लागू हुआ, जिसके लिए आंतरिक अशांति का हवाला दिया गया था. यह आपातकाल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू किया गया, इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय माना जाता है. 12 जून, 1975 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीएम इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित करते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी थी. इसके बाद इंदिरा गांधी की कुर्सी खतरे में पड़ गई और उन्होंने आपातकाल लागू कर दिया. ये इमरजेंसी 21 मार्च, 1977 तक चली.