भारतीय सेना के इन हथियारों की धमक इतनी कि दुश्मन का कलेजा तक कांप उठता है, जानें इन हाइटेक वेपन के बारे में
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भारतीय सेना के इन हथियारों की धमक इतनी कि दुश्मन का कलेजा तक कांप उठता है, जानें इन हाइटेक वेपन के बारे में

भारत अपने डिफेंस सेक्टर को लगातार मजबूत कर रहा है. जवानों की एडवांस्ड ट्रेनिंग से लेकर हथियारों को हाईटेक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. मौजूदा समय में भारत के हाईटेक हथियारों की बात की जाए तो इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, जोरावर टैंक, Dragunov Sniper राइफल, नाग एमके-2, ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन जैसे हथियार हैं, जो दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम हैं.

भारतीय सेना के इन हथियारों की धमक इतनी कि दुश्मन का कलेजा तक कांप उठता है, जानें इन हाइटेक वेपन के बारे में

नई दिल्लीः भारत अपने डिफेंस सेक्टर को लगातार मजबूत कर रहा है. जवानों की एडवांस्ड ट्रेनिंग से लेकर हथियारों को हाईटेक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. सरकार का भी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग से लेकर एक्सपोर्ट पर खासा फोकस है. सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र की डिफेंस कंपनियां भी अपनी टेक्नोलॉजी और एफिसिएंसी में इजाफा करने में जुटी है. मौजूदा समय में भारत के हाईटेक हथियारों की बात की जाए तो इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, जोरावर टैंक, Dragunov Sniper राइफल, नाग एमके-2, ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन जैसे हथियार हैं, जो दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम हैं.

  1. भारत के पास हैं हाईटेक हथियार
  2. दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम

ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल

भारत के पास परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें हैं. सेना के पास 3400 से 3700 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भूमि, जल और हवा से मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल है. ये भूमि या पानी से 450 किमी और हवा से 400 किमी दूरी तक मार करने में सक्षम है. इसी तरह भारत के पास अग्नि मिसाइल भी है जिससे न्यूक्लियर वेपन लॉन्च किए जा सकते हैं.

नाग एमके-2 

भारत ने हाल ही में स्वदेशी तकनीक वाली तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक फायर एंड फॉरगेट गाइडेड मिसाइल की लॉन्चिंग की थी. नाग एमके-2 नामक इस मिसाइल के तीन फील्ड ट्रायल हुए थे. इसने ट्रायल के दौरान सभी लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा था. 

ड्रैगुनोव स्नाइपर राइफल

भारत के पास ड्रैगुनोव स्नाइपर राइफल है. इसने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ अहम भूमिका निभाई थी. इस स्नाइपर राइफल की फायरिंग रेंज 800 मीटर है और ये एक मिनट में 30 राउंड गोलियां दाग सकती है. वहीं सेना के पास पूरी तरह स्वदेशी अस्मि मशीन पिस्टल भी है.

जोरावर टैंक

भारत को 2027 तक हल्के टैंक मिलने वाले हैं. डीआरडीओ ने एलएंडटी के साथ मिलकर जोरावर टैंक बनाए हैं. 25 टन वजन के ये टैंक दुर्गम रास्तों पर आसानी से ले जाए जा सकते हैं. इसी तरह इन्हें एक जगह से दूसरी जगह प्लेन से ले जाया जा सकता है.

ब्लैक हॉरनेट

भारतीय सेना के पास ब्लैक हॉरनेट नैनो ड्रोन भी है. ये महज 33 ग्राम का छोटा सा ड्रोन है लेकिन ये बिना आवाज किए संकरी जगहों पर घुसकर दुश्मन का पता लगा सकता है. साथ ही ये घुसपैठियों से लेकर आतंकियों तक पर लगाम कसने में सक्षम है.

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