भारत को मिलने वाले 97 तेजस जेट नहीं होंगे नॉर्मल, एक-एक में भरी होगी स्वदेशी ताकत, इस मिसाइल से लैस होंगे विमान!
Advertisement
trendingNow12817774

भारत को मिलने वाले 97 तेजस जेट नहीं होंगे नॉर्मल, एक-एक में भरी होगी स्वदेशी ताकत, इस मिसाइल से लैस होंगे विमान!

Tejas Mk1a Jet with Astra Mk1 Missile: भारतीय वायुसेना जल्द ही 97 तेजस Mk1A विमानों की दूसरी खेप का ऑर्डर दे सकती है, जिनका उत्पादन 2028 से शुरू होकर 2032 तक पूरा होगा. नई खेप में स्वदेशी हथियार जैसे- Astra Mk2 और प्रेसिजन-गाइडेड बम जोड़ने पर ध्यान होगा. तेजस Mk1A में AESA रडार, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिड-एयर रिफ्यूलिंग जैसी सुविधाएं है.

भारत को मिलने वाले 97 तेजस जेट नहीं होंगे नॉर्मल, एक-एक में भरी होगी स्वदेशी ताकत, इस मिसाइल से लैस होंगे विमान!

Tejas Mk1a Jet with Astra Mk1 Missile: भारतीय वायुसेना अगले साल 97 तेजस Mk1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) की दूसरी खेप का ऑर्डर दे सकती है. ऐसा माना जा रहा है की दूसरी खेप के विमानों का उत्पादन 2028 की शुरुआत में शुरू होगा और 2032 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस बैच में कई सुधार किए जाएंगे, जिनमें स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने और पहले बैच से मिले फीडबैक को शामिल करने पर ध्यान दिया जाएगा. 

  1. तेजस के दूसरे खेप का ऑर्डर जल्द दी
  2. इसमें लैस होंगे भारत के देसी वेपन

पहले बैच के फीडबैक लेकर अगली खेप अपग्रेड होगा
इस साल यानी 2025 के अंत में पहले बैच की डिलीवरी शुरू होगी, जिसके अनुभव से दूसरे बैच को और बेहतर बनाया जाएगा. तेजस Mk1A में वर्तमान में लगभग 60% स्वदेशी सामग्री है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और निजी क्षेत्र के साझेदारों के साथ मिलकर बाहर से लाए गए पार्ट्स का स्वदेशी विकल्प तलाशा जा रहा है. विशेषकर एवियोनिक्स, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसे हिस्सों को स्वदेशी बनाया जा सकता है.

दूसरे बैच में विमान से जुड़ सकती हैं ये खास चीजें
दूसरे बैच में नए सॉफ्टवेयर अपडेट और स्वदेशी हथियारों का इंटीग्रेशन होगा. अब तक तेजस में Astra Mk1, रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल और स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) जैसे हथियार लैस हैं. भविष्य में Astra Mk2 और DRDO द्वारा विकसित प्रेसिजन-गाइडेड बम भी जोड़े जा सकते हैं. ये सुधार तेजस को हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले करने में और सक्षम बनाएंगे.

ये इसलिए है 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट
पहले बैच की डिलीवरी से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर कॉकपिट डिजाइन और एयरफ्रेम में छोटे-मोटे बदलाव किए जाएंगे. तेजस Mk1A में पहले से ही उन्नत AESA रडार, बेहतर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिड-एयर रिफ्यूलिंग की सुविधा है. ऐसी तकनीक इसे 4.5-जेनरेशन फाइटर जेट बनाती है. यह विमान पुराने मिग-21, मिग-23 और मिग-27 को बदलने में अहम भूमिका निभाएगा.

IAF के पास होंगे 137 तेजस विमान
2026 में 97 विमानों का ऑर्डर मिलने के बाद IAF के पास कुल 137 तेजस Mk1A विमान होंगे, जिसमें 2021 का 40 विमानों का ऑर्डर भी शामिल है. HAL बेंगलुरु और नासिक में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स व L&T जैसे निजी भागीदारों को सब-असेंबली का काम सौंप रहा है.

Trending news

;