Kargil War: कारगिल वॉर में शक्तिमान साबित हुई ये तोप, मात्र 15 सेकेंड में दाग देती थी 3 गोले!
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Kargil War: कारगिल वॉर में शक्तिमान साबित हुई ये तोप, मात्र 15 सेकेंड में दाग देती थी 3 गोले!

Kargil War: 1999 के कारगिल युद्ध में पहली बार Bofors तोप का इस्तेमाल हुआ था. इसने ऊंची पहाड़ियों पर बैठे दुश्मनों के ठिकानों को तबाह कर दिया. तेज फायरिंग और सटीक निशाने की वजह से यह तोप भारत की जीत में गेमचेंजर साबित हुई और सेना को बड़ी बढ़त दिलाई.

 

Kargil War: कारगिल वॉर में शक्तिमान साबित हुई ये तोप, मात्र 15 सेकेंड में दाग देती थी 3 गोले!

Kargil War: 1999 में जब कारगिल की जंग हुई थी, तब हमारे जवानों ने जो हिम्मत दिखाई ,वो आज भी हर हिंदुस्तानी को गर्व से भर देती है. लेकिन इस जंग में एक ऐसा हथियार भी था जिसने पीछे से बहुत बड़ा रोल निभाया, 'Bofors' तोप. पहली बार इसे जंग के मैदान में उतारा गया और इसके बाद हालात पूरी तरह से हमारे फेवर में आने लगे.

  1. कारगिल में पहली बार चली Bofors तोप
  2. दुश्मन के कैंप पूरी तरह तबाह
  3.  

Bofors आखिर है क्या?
Bofors एक भारी तोप है, जो दूर बैठे दुश्मनों पर सटीक निशाना लगाकर हमला कर सकती है. इसे स्वीडन से खरीदा गया था और इसका नाम तब काफी चर्चा में आया था. ये 155 mm की तोप है, जो करीब 30 किलोमीटर तक मार कर सकती है और वो भी एकदम सटीक टारगेट पर.

कारगिल में कब और कैसे हुई एंट्री?
जब कारगिल की लड़ाई शुरू हुई तो पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे, और हमारे जवान नीचे से चढ़ाई कर रहे थे. ऐसे में उन्हें मदद चाहिए थी और यहीं पर Bofors काम आई. इसे ट्रकों और हेलिकॉप्टरों से ऊंचाई तक पहुंचाया गया. उसके बाद इसने जो कहर मचाया, उसने दुश्मन की हालत खराब कर दी.

क्यों थी Bofors इतनी खास?
फास्ट फायरिंग: ये तोप 15 सेकेंड में 3 गोले दाग सकती थी.

रात में भी हमला: Bofors की खास बात ये थी कि रात में भी बिना रुके टारगेट पर हमला कर सकती थी.

कवर देने में मास्टर: जब हमारे जवान चढ़ाई कर रहे थे, तब Bofors ने पीछे से फुल सपोर्ट दिया.

ऊंचाई पर भी तैनात करना आसान: इसके पार्ट्स ऐसे थे कि हेलिकॉप्टर से ऊपर तक ले जाना मुमकिन हो पाया.

फौज के लोग क्या बोले थे?
कई अफसरों ने खुलकर कहा था कि अगर Bofors नहीं होती, तो ये लड़ाई और लंबी चलती. जनरल वेद मलिक ने भी माना था कि Bofors की वजह से भारत को बहुत बड़ी बढ़त मिली.

Bofors तोप क्या है?
Bofors एक 155mm की तोप है जो लंबी दूरी तक सटीक फायरिंग कर सकती है.

कारगिल युद्ध में Bofors का क्या रोल था?
Bofors ने ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बनाकर सेना को बढ़त दिलाई.

क्या कारगिल में पहली बार Bofors का इस्तेमाल हुआ?
हां, भारत ने पहली बार किसी युद्ध में Bofors तोप का इस्तेमाल कारगिल में किया.

Bofors की सबसे बड़ी खासियत क्या थी?
इसकी तेज फायरिंग और रात में हमला करने की क्षमता सबसे खास थी.

क्या Bofors ने भारत की जीत में मदद की?
बिलकुल, यह तोप भारत की जीत में गेमचेंजर साबित हुई थी.

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