क्यों गई Mahua Moitra की सांसदी, अब क्या हैं विकल्प; जानें A टू Z पॉइंट
Advertisement
trendingNow12000977

क्यों गई Mahua Moitra की सांसदी, अब क्या हैं विकल्प; जानें A टू Z पॉइंट

Mahua Moitra Disqualification: टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा पर 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोप हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर हमला बोला. साथ ही हीरानंदानी के कहने पर इस मुद्दे से जुड़े सवाल भी पूछे. 

क्यों गई Mahua Moitra की सांसदी, अब क्या हैं विकल्प; जानें A टू Z पॉइंट

नई दिल्ली: Mahua Moitra Disqualification: TMC की नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता पर बीते कई दिनों से तलवार लटकी हुई थी. आज एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश होने के बाद मोइत्रा की सांसदी चली गई.  महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने वोटिंगकरानी चाही. विपक्षी दलों ने वोटिंग का बॉयकॉट किया. फिर भी लोकसभा स्पीकर ने वोटिंग कराई मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया. निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया. चलिए, जानते हैं कि महुआ पर क्या आरोप हैं और किस कारण उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई.

  1. कोर्ट में दे सकती हैं चुनौती
  2. यही है एकमात्र विकल्प

महुआ मोइत्रा पर क्या आरोप?
टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा पर 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोप हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर हमला बोला. साथ ही हीरानंदानी के कहने पर इस मुद्दे से जुड़े सवाल भी पूछे. इसके बदले में बिजनेसमैन हीरानंदानी से महुआ को गिफ्ट्स मिले. इसके अलावा महुआ पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संसदीय आईडी का लॉगइन पासवर्ड भी बिजनेसमैन के साथ शेयर किया. बिजनेसमैन उनकी आईडी का उपयोग कर खुद सवाल पूछते थे. इसके बाद यह मामला लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास गया. उन्होंने इस पर एथिक्स कमेटी बनाई. कमेटी ने महुआ को दोषी माना. 

अब क्या विकल्प हैं?
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के पास एकमाथ विकल्प कानूनी लड़ाई का है. एथिक्स कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को लोकसभा में पेश कर दिया गया है, महुआ की सांसदी जा चुकी है, अब वे इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकती हैं. यदि वे वहां निर्दोष पाई जाती हैं तो सांसदी बहाल हो सकती हैं. अगर वे दोषी होंगी तो सांसदी बहाल करने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे. 

पहले भी हो चुका ऐसा निष्कासन
ये पहली बार हुआ है जब लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने किसी सांसद के निष्कासन का प्रस्ताव दिया और वह पास भी हो गया. इससे पहले साल 2005 में 11 सांसदों को ऐसे ही एक मामले में निष्कासित किया गया था. लेकिन तब निष्कासन की सिफारिश सिफारिश राज्य सभा एथिक्स कमेटी और लोकसभा की जांच कमेटी ने की थी.

ये भी पढ़ें- Loksabha: TMC सांसद Mahua Moitra के खिलाफ एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश, मचा हंगामा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Trending news

;