US Deploys B-52s in Indian Ocean Base: डिएगो गार्सिया में अमेरिकी सैन्य जमावड़े को उजागर करने वाली एक नई सैटलाइट इमेज ने इस बात पर अटकलें लगा दी हैं कि क्या यह रणनीतिक कदम बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच चीन को लक्षित करके उठाया गया है.
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America in Indian Ocean: भारत के करीब हिंद महासागर के पास अमेरिका ने बड़ी तैनाती की है. ताजा सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि डिएगो गार्सिया में अमेरिकी वायुसेना की संपत्तियों का एक बड़ा ग्रुप बनाया गया है. यह सुदूर हिंद महासागर का बेस है जिसे लंबे समय से मध्य पूर्व और इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी सैन्य शक्ति प्रोजेक्शन का आधार माना जाता है. यह घटनाक्रम जून की शुरुआत में ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका और इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद बढ़े तनाव के बीच हुआ है.
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट एमटी एंडरसन के अनुसार, नवीनतम सैटेलाइट इमेजरी बेस पर चार बी-52 बमवर्षक, छह F-15 लड़ाकू जेट और छह KC-135 हवाई ईंधन भरने वाले टैंकरों की मौजूदगी दिखाती है. एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह शेयर किया.
Diego Garcia: लंबी दूरी के अमेरिकी मिशनों के लिए महत्वपूर्ण लॉन्च पॉइंट
डिएगो गार्सिया का स्थान ईरान से लगभग 2,200 मील और दक्षिणी चीन से लगभग 3,000 मील दूर है. यह अमेरिकी स्ट्राइक मिशनों और निरंतर हवाई अभियानों के लिए एक सुरक्षित, लंबी दूरी के लॉन्च पॉइंट के रूप में स्थापित है. इसका बेस ऐसा है, जो मोर्चों पर तेजी से तैनाती करते हुए अमेरिका को बढ़त देता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह तैनाती आगे की कार्रवाई के लिए तत्परता बनाए रखने के उद्देश्य से किए गए व्यापक रुख परिवर्तन का हिस्सा हो सकता है. न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, यूके रॉयल एयर फोर्स के पूर्व डिप्टी ऑपरेशन चीफ एयर मार्शल ग्रेग बैगवेल ने बीबीसी वेरिफाई से कहा, 'आप [डिएगो गार्सिया] से कहीं ज्यादा कुशलता से निरंतर ऑपरेशन को बनाए रखने में सक्षम होंगे.'
ईरान से चीन तक: अमेरिकी रणनीति में डिएगो गार्सिया की बढ़ती भूमिका
न्यूजवीक की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च से बेस पर सैन्य गतिविधि लगातार बढ़ रही है. मई में अमेरिकी वायु सेना ने पुष्टि की कि बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने डिएगो गार्सिया में तैनाती पूरी कर ली है. कुछ सप्ताह बाद, 13 जून को वही बी-2 एक सरप्राइज ओवरनाइट मिशन का हिस्सा थे, जिसे ऑपरेशन मिडनाइट हैमर कहा गया, जिसमें ईरान की तीन गहरी दबी हुई परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया.
हमले में गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रशांत क्षेत्र की ओर नकली उड़ानों का इस्तेमाल किया गया. मिसौरी में व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से सात B-2 बमवर्षक विमान लॉन्च किए गए, जिन्होंने एक दर्जन से अधिक 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर गिराए, जो हाल के अमेरिकी इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी स्टील्थ हवाई हमलों में से एक था.
उन्हीं बमवर्षकों को पहले यमन में ईरान समर्थित हौथी ठिकानों के खिलाफ तैनात किया गया था. डिएगो गार्सिया में हुई ताजा गतिविधि अब इंडो-पैसिफिक में वाशिंगटन के भविष्य के रुख के बारे में व्यापक सवाल उठाती है. अमेरिका-ईरान कूटनीति ठप होने और इजरायल-ईरान युद्धविराम अभी भी नाजुक होने के कारण, सैन्य विश्लेषक बारीकी से देख रहे हैं कि क्या यह कोई रणनीतिक इरादा रखता है, संभवतः बीजिंग पर निशाना तो नहीं. अभी तक, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (INDOPACOM) ने कोई टिप्पणी जारी नहीं की है.
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