नेतन्याहू की 'अब गए-तब गए' वाली स्थिति! इजरायल में 'कतरगेट स्कैंडल' बनेगा तख्तापलट की वजह?
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नेतन्याहू की 'अब गए-तब गए' वाली स्थिति! इजरायल में 'कतरगेट स्कैंडल' बनेगा तख्तापलट की वजह?

Netanyahu QatarGate Scandal: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार खतरे में पड़ गई है. कतरगेट घोटाला मामले में नेतन्याहू के दो करीबियों की गिरफ्तारी हुई है. अब नेतन्याहू पर भी पूछताछ की तलवार लटक रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मामले में सच्चाई हुई तो नेतन्याहू की कुर्सी जा सकती है.

नेतन्याहू की 'अब गए-तब गए' वाली स्थिति! इजरायल में 'कतरगेट स्कैंडल' बनेगा तख्तापलट की वजह?

Netanyahu QatarGate Scandal: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में पड़ गई है. नेतन्याहू के खिलाफ न सिर्फ सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, बल्कि कानूनी शिकंजा भी कसने की तैयारी हो रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री के दो करीबियों को एक घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है. द येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट में तो ये भी दावा किया गया है कि नेतन्याहू से जल्द ही पूछताछ भी हो सकती है. 

  1. नेतन्याहू के दो करीबी गिरफ्तार
  2. अवैध फंडिंग लेने का आरोप है
  3.  

कौन हैं गिरफ्तार किए गए दो शख्स
दरअसल, इजरायल पुलिस ने नेतन्याहू की मीडिया टीम के पूर्व मेंबर एली फेल्डस्टीन और मौजूदा मेंबर योनातन उरिच को गिरफ्तार किया है. ये पहली बार नहीं है, जब इनकी गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले भी इन्हें हिरासत में लिया गया था. बस फर्क इतना है कि इस बार इन्हें औपचारिक रूस से गिरफ्तार किया गया है. दोनों सहयोगियों पर कतर से अवैध फंडिंग लेने का आरोप है.

कतरगेट घोटाला क्या है?
आरोप है बेंजामिन नेतन्याहू के करीबियों ने बंधक वार्ताओं यानी होस्टेज नेगोशिएशंस के दौरान कतर से पैसे लिए थे. संदिग्धों पर रिश्वतखोरी, विदेशी एजेंट से संपर्क, विश्वासघात, मनी लॉन्ड्रिंग और कर अपराध जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पत्रकार बेन कैस्पिट के अनुसार, शिन बेट (इजरायल सुरक्षा एजेंसी) और पुलिस इस दावे की जांच कर रहे हैं कि कतर ने युद्ध के दौरान नेतन्याहू के प्रवक्ता की सैलरी को फंड किया था. इस प्रवक्ता के पास युद्ध से संबंधित गोपनीय सामग्री तक पहुंच थी. फेल्डस्टीन पर आरोप है कि उन्होंने एक सीक्रेट दस्तावेज को जर्मन मीडिया में लीक किया था.

घोटाले के मुख्य किरदार कौन?
एली फेल्डस्टीन: आरोप है कि फेल्डस्टीन ने अगस्त के आखिर में हमास द्वारा छह बंधकों की हत्या के बाद नेतन्याहू पर सार्वजनिक दबाव कम करने के लिए एक अत्यधिक गोपनीय दस्तावेज को जर्मन अखबार को लीक किया था. इस काम में नेतन्याहू की मीडिया टीम के पूर्व सदस्य स्रुलिक एनहॉर्न ने कथित तौर पर फेल्डस्टीन और अखबार के बीच संपर्क स्थापित करने में मदद की थी.

योन्सन उरिच: उरिच पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी उनके घर से हुई, और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. उनकी ओर से वकील अमित हदाद ने दो हफ्ते पहले दावा किया था कि उरिच को गिल बर्जर नाम के शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है, न ही उन्होंने कभी उनसे बात की या मुलाकात की. मगर, नए खुलासों ने इस दावे पर शक पैदा कर दिया है.

कतर के लॉबिस्ट्स: कतर के लॉबिस्ट्स जे फूटलिक और गिल बर्जर ने इजरायल के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. ये मुलाकात एरियल शफीर ने तय की थी, जो स्रुलिक एनहॉर्न की पीआर फर्म 'परसेप्शन' के पूर्व कर्मचारी और उरिच के करीबी सहयोगी हैं. कुछ महीने पहले इन लॉबिस्ट्स ने एक वरिष्ठ सरकारी मंत्री से मिलने की कोशिश भी की थी. KAN न्यूज की एक रिकॉर्डिंग में बर्जर ने स्वीकार किया कि उन्होंने फूटलिक की ओर से फेल्डस्टीन को भुगतान किया था.

नेतन्याहू बोले- रोनन बार की साजिश
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने शिन बेट की जांच पर सवाल उठाए हैं. 22 मार्च को नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने बिना सबूत के दावा किया कि शिन बेट के 
डायरेक्टर रोनन बार ने 'कतरगेट' की जांच अपनी बर्खास्तगी को रोकने के लिए शुरू की थी.

नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में पड़ी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि इन आरोपों में दम पाया गया या ये साबित हुए तो बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार जा सकती है. लोग पहले से ही सड़कों पर हैं, विपक्ष आक्रमक है और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप भी लग चुका है. इजरायल के चैनल 12 पर प्रसारित एक सर्वे के अनुसार, नेतन्याहू सरकार पर 70% लोगों को भरोसा नहीं है.

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