Myanmar Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप से लगभग 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर गृहयुद्ध का दंश झेल रहे देश में जुंटा शासन मदद के बयाज, विद्रोहियों पर भारी बमबारी में व्यस्त है. संयुक्त राष्ट्र ने जुंटा के इस कदम की निंदा की है.
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Myanmar Earthquake: बीते शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद म्यांमार में भारी तबाही मची हुई है. मौत का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो सकता है, यह आशंका यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने जताई है, वहीं अभी तक न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा 1644 के पार हो चुका है. ऐसे में पिछले चार साल से गृहयुद्ध में फंसे म्यांमार को भूकंप ने चारों से तबाह करके रख दिया है. आपदा पीड़ित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य बमुश्किल हो पा रहे हैं. ऐसे मुश्किल हालात में भी जुंटा सेना लोगों की मदद के बजाय, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में हवाई हमले कर रही है.
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में जुंटा की बमबारी
म्यांमार लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है, ऐसे में शुक्रवार को आए भूकंप ने, स्थानीय लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. ऐसे समय में वहां की सैन्य शासन लोगों की मदद के बजाय भारी बमबारी कर रही है.
वहीं म्यांमार की सबसे पुराने सशस्त्र समूहों में शामिल, केरेन नेशनल यूनियन ने बताया कि सेना नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर हवाई हमले कर रही है, जबकि एक बड़ी आबादी भूकंप से पीड़ित है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, KNU ने कहा, ‘सेना को राहत प्रयासों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन सेना का ध्यान अपने लोगों के खिलाफ हमला करने पर है.’
संयुक्त राष्ट्र ने की जुंटा की आलोचना
जुंटा की इस कार्रवाई पर UN ने कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र ने हमलों को ‘पूरी तरह से अपमानजनक और अस्वीकार्य’ बताया है. बता दें, बीबीसी बर्मीज ने पुष्टि की है कि उत्तरी शान राज्य के नौंगचो में, हवाई हमले में 7 लोग मारे गए. यह हमला भूकंप आने के तीन घंटे से भी कम समय के बाद किया गया है.
वहीं संयुक्त राष्ट्र ने चिकित्सा आपूर्ति की कमी की ओर ध्यान देने के लिए कहा है. बता दें, भूकंप का केंद्र मांडले के पास था, जो जुंटा बलों के कब्जे वाला इलाका है, पर जुंटा ने विद्रोहियो के कब्जे वाले इलाकों में बमबारी की है. वहीं क्राइसिस ग्रुप ने बताया है कि कुछ जुंटा विरोधी बलों ने, अपने हमले रोक दिए हैं, लेकिन अन्य जगहों पर लड़ाई जारी है. इसे रोकने की जरूरत है.
1600 से ज्यादा की मौत
सैन्य जुंटा ऐसे समय में विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी कर रही है, जिस समय भूकंप से पीड़ित लोगों को मदद की सख्त जरूरत है. जबकि इस घातक भूकंप में अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं. बता दें, 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार गृहयुद्ध की चपेट में है, जिसके बाद से, विद्रोही बलों ने बड़े भूभाग पर अपना कब्जा जमा लिया है.
शवों से आने लगी दुर्गंध
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्य जुंटा की कार्रवाई और भूकंप का प्रभाव इस कदर पड़ा है, कि भूकंप प्रभावित लोगों के लिए राहत-बचाव कार्य में देरी हो रही है, जिससे म्यांमार की सड़कों पर सड़ते हुए शवों की दुर्गंध फैल गई है. सहायता समूहों का मानना है कि जुंटा को विद्रोहियों के खिलाफ एक्शन के बजाय, नागरिकों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.