Mahmood Madani on Waqf Law: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने वक्फ कानून को लेकर आज आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के जरिये वरगलाया जा रहा है. इस कानून के जरिये बिल्डर- माफियाओं को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
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Waqf Amendment Act 2025: वक्फ संशोधन कानून को लेकर घमासान जारी है, पूरे देश में इस कानून के खिलाफ फ्रदर्शन हो रहे हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर रविवार (13 अप्रैल) को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस मीट में महमूद मदनी ने इस विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा कि बीजेपी और मुल्क में मौजूद उनके साथियों ने मीडिया के जरिए ये इम्प्रेशन दिया गया है कि वक्फ बोर्ड जो चाहता था करता था, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि जब स्टेट की काउंसिल बनती थी तो स्टेट बनाता था. और सेंटर की बात होती थी सेंटर बनाता था.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए महमूद मदनी ने कहा कि यह मामला वर्कर का नहीं है, मामला राजनीति का है. मुसलमान के लिए मुसलमान के खिलाफ कभी हमदर्द बनकर और कभी गाली देकर अपनी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ संसोधन कानून पूरी तरह से दुर्भावना पूर्ण है.
वक्फ कानून को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख ने कहा, "यह अगर मुसलमान के खिलाफ होता और देश के लिए अच्छा होता तो सोचा जा सकता है. मगर यह ना तो यह देश के लिए अच्छा है, ना मुसलमान के लिए अच्छा है ना ही इस सोसाइटी के लिए अच्छा है." उन्होंने कहा, "इस बिल के जरिए आप बिल्डर और माफिया को फायदा पहुंचाना चाह रहे हैं."
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा,"हमसे इस देश के फाउंडर्स ने कुछ वादे किए थे, ऐसा महसूस हो रहा है कि मेडिटोरियम अप्रोच के साथ उन वादों को और इस मूल की बुनियाद रखने वाले लोगों को रौंदा जा रहा है." उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "हमको मालूम है कि हमारे एहसास को बहरे कानों से सुना जाएगा. इस देश का नागरिक होने के नाते हम पर यह जिम्मेदारी आई है कि जो गरीब और कुचले लोग हैं, जिनको साइड लाइन कर दिया गया. उनकी तरफ से दिल की तकलीफ का इजहार करें."
इस कानून के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए महमूद मदनी ने कहा, "हमारी लड़ाई जारी रहेगी, खत्म नहीं होगी, इंसाफ मिलने तक. इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी पड़े हम तैयार हैं." उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भी कुर्बानियां दी गई हैं, आगे भी देने को तैयार है.
महमूद मदनी ने कहा, "यह खूबसूरत मुल्क है. यहां के लोग ऐसे नहीं हैं कि इनको सिर्फ वरगलाया जा रहा है. बस कुछ लोग हैं जो एक तरफ ले जाना चाहते हैं, आपस में प्यार मोहब्बत खत्म करना चाहते हैं. हमें पता है कि हम अकेले नहीं हैं. वक्त बदलेगा हमें यह उम्मीद है."
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