Hajj 2025: हज 2025 के लिए श्रीनगर से दूसरा बैच रवाना हो गया है. पहला बैच 4 मई को को रवाना हुआ था, इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की वजह से हज की फ्लाइट्स पर रोक लगा दी गई थी.
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Hajj 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से हज यात्रा की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सीजफायर के ऐलान के बाद हज यात्रियों का दूसरा जत्था जल्द ही सऊदी अरब के लिए श्रीनगर से रवाना हुआ है. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हज यात्रा को लेकर कैंप लगाए गए हैं, जहां सऊदी अरब जाने वाले लोग हज यात्रा की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं. इतना ही नहीं, हज यात्री करेंसी को भी एक्सचेंज करवा रहे हैं.
सीजफायर के बाद जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बुधवार सुबह हज यात्रियों का दूसरा जत्था हज हाउस से एयरपोर्ट के लिए निकला है. श्रीनगर से हज यात्रियों का पहला जत्था 4 मई 2025 को रवाना हुआ था. ऑपरेशन सिंदूर की वजह से 7 मई और 12 मई को रवाना होने वाले हज यात्रियों की सात उड़ानें रद्द कर दी गई थीं. बुधवार (14 मई) से फ्लाइट्स शुरू हुई हैं. श्रीनगर एयरपोर्ट पर मंगलवार से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हुए हैं.
इससे पहले, 4 मई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से केंद्र शासित प्रदेश के पहले हज जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दौरान यात्रियों से संवाद किया था और उन्हें यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी थीं. उन्होंने सभी यात्रियों की सुरक्षित यात्रा और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण हज की कामना की थी.
उपराज्यपाल ने कहा था, "मैं पवित्र हज यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. दिव्य हज यात्रा सर्वशक्तिमान का बुलावा है और लोगों का जीवन भर से संजोया सपना भी. केंद्र सरकार तीर्थयात्रियों और उनकी पवित्र तीर्थयात्रा के कल्याण के लिए सर्वोत्तम संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है."
उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से इस साल कुल 3,622 हज यात्री हज यात्रा पर रवाना होंगे. जबकि लद्दाख से 242 यात्री हज यात्रा करेंगे. उपराज्यपाल सिन्हा ने हज यात्रा के कामयाब ऑपरेशन में योगदान देने वाले सभी विभागों, एजेंसियों और अधिकारियों के सहयोग की सराहना की थी.