Israel on Iran: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर ईरान अपनी न्यूक्लियर फैसिलिटी को डिमेंटल नहीं करता है तो केवल मिलिट्री ऑपरेशन ही ऑप्शन रह जाएगा.
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Israel on Iran: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि अमेरिका और तेहरान के बीच समझौता तभी मुमकिन है जब ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को फिजिकली उड़ा दिया जाए और तबाह कर दिया जाए. नेतन्याहू की बात से ये इशारा मिल रहा है कि यह डील होना मुमकिन नहीं है और ऐसे में ईरान और अमेरिका के बीच जंग भी हो सकती है.
इजराइल के प्रधानमंत्री अमेरिका के दौर पर थे. उन्होंने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कई मुद्दों पर बातचीत की. जिसमें हमास के साथ बंधक डील. ईरान के न्यूक्लियर पर बातचीत और अमेरिका के जरिए लगाया गया टैरिफ शामिल था. दरअसल अमेरिका बिलकुल नहीं चाहता है कि ईरान न्यूक्लियर ताकत बने. ईरान के मामले में नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान में कहा था कि वह और ट्रम्प इस बात पर सहमत हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होंगे.
उनका कहना है कि यह टारगेट कूटनीतिक रूप से हासिल किया जा सकता है, लेकिन केवल तभी जब यह 2003 में लीबिया के परमाणु निरस्त्रीकरण जैसा हो, जिसके दौरान अमेरिकी सेना ने देश के परमाणु प्रोग्राम के कंपोनेंट को नष्ट कर दिया था और कुछ को बाहर भेज दिया था. नेतन्याहू कहते हैं, "हम अंदर जाते हैं, सुविधाओं को उड़ा देते हैं, सभी चीजों को तबाह कर देते हैं, अमेरिकी की निगरानी में यह अच्छा है."
उन्होंने कहा कि अगर ईरान इसके लिए सहमत नहीं होता है तो केवल ऑप्शन मिलिट्री ही होगा. नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने और ट्रंप ने इसकी संभावना पर विस्तार से बातचीत की है. सीरिया पर बातचीत करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि तुर्की वहां मिलिट्री बेस बनाना चाहता है, और यह इजराइल के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि हम इसकी मुखालिफत करेंग, हम इसके लिए काम कर रहे हैं. मैंने प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को बताया है जो मेरे और एर्दोगान दोनों के दोस्त हैं.
इस दौरान नेतन्याहू ने हमास के खात्मे की बात को दोहराया और कहा कि वह इस चीज पर प्रतिबद्ध हैं कि वह हमास का खात्मा करेंगे और सभी बंधकों को वापस लाएंगे. बता दें, इजराइ के हमलों से गाजा में मरने वालों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच गया है.