Shahi Idgah Dispute: मथुरा का यह विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है, जिसमें 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है, जबकि शेष हिस्से पर शाही ईदगाह बनी है. इसको लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद है.
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Shahi Idgah Dispute: उत्तर प्रदेश के मथुरा में मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इसमें मांग की गई थी कि इस मस्जिद को "विवादित ढांचा" घोषित किया जाए. हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभी तक जो सबूत और जानकारी दी गई है, उनके आधार पर शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा नहीं माना जा सकता यह फैसला हिंदू पक्ष के लिए एक झटका माना जा रहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त 2025 को होगी.
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच में इस याचिका पर सुनवाई हो रही थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तथ्यों और याचिका के आधार पर फिलहाल शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित नहीं किया जा सकता. हालांकि, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अगस्त 2025 की तारीख निर्धारित की है.
हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 5 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर यह मांग की गई थी कि मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए. इस याचिका पर 23 मई को बहस पूरी हो गई थी और कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है.
हिंदू पक्ष का कहना है कि जिस स्थान पर ईदगाह मस्जिद बनी है, वह श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है और वहां पहले एक प्राचीन मंदिर था जिसे 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने तुड़वाया था. उनका तर्क है कि मुस्लिम पक्ष अब तक यह सिद्ध नहीं कर सका है कि वहां मस्जिद पहले से थी या वैध तरीके से बनाई गई है. इसलिए इसे "विवादित ढांचा" घोषित किया जाना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद को कहा गया था.
मथुरा का यह विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है, जिसमें 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है, जबकि शेष हिस्से पर शाही ईदगाह बनी है. हिंदू पक्ष पूरी भूमि को जन्मभूमि का हिस्सा मानता है, जबकि मुस्लिम पक्ष इन दावों को निराधार बताता है. अब सभी की निगाहें 2 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जो इस ऐतिहासिक और संवेदनशील विवाद में अगला मोड़ साबित हो सकती है.