रोज़ी-रोटी कमाने आए मुसलमानों को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार, बंग्लादेशी होने का आरोप
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रोज़ी-रोटी कमाने आए मुसलमानों को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार, बंग्लादेशी होने का आरोप

Hariyana News: गुरुग्राम के सोहाना गांव में पुलिस ने बंगाली मुस्लिमों को बंग्लादेशी बातकर हिरास्त में ले लिया. इस घटना के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद के लोगों ने प्रशासन से मुलाकत की है. वहीं, पकड़े गए लोगों के परिवार वालों में डर का माहौल है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करे.

रोज़ी-रोटी कमाने आए मुसलमानों को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार, बंग्लादेशी होने का आरोप

Hariyana News: हरियाणा में बंगाली भाषा बोलने वाले लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. यहां गुरुग्राम के सोहाना गांव में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंग्लादेशी होने के शक पर 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, जमीयत उलेम ए हिंद ने दावा किया है कि हिरास्त में लिए गए सभी लोग भारतीय नागरिक हैं. जमीयत ने बताया कि पकड़े गए लोगों का संबंध पश्चिम बंगाल और असम से हैं. इस मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन से मुलाकात की है.  

दरअसल, बीते रविवार (20 जुलाई) को गुरुग्राम के सोहाना में बांग्लादेशी होने के शक के आधार पर 13 बांग्लाभाषी मुस्लिम मजदूरों को गिरफ्तार किया गया था. ये सभी लोग सोहाना गांव में लंबे वक्त से रह रहे थे. हरियाणा में ये लोग अपने गृह राज्य बंगाल और असम से आकर मजदूरी करते थे. एक स्थानीय निवासी मौलाना ताहिर हुसैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस के इस कार्रवई से मुस्लिम समुदाय में खौफ का माहौल है. हालांकि इनमें से एक को नाबालिग होने की वजह से छोड़ दिया गया है. 

बीते सोमवार को जमीयत उलेम ए हिंद के जिला पदाधिकारियों की एक प्रतिनिधिमंडल मौलाना मोहम्मद याह्या करीमी और मौलाना हकीमुद्दीन अशरफ की अगुवाई में CP गुरुग्राम और DCP गुरुग्राम से मुलाकात की है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पकड़े गए लोगों के आधार कार्ड और दीगर दस्तावेजों को इन अधिकारियों के समक्ष रखा. इसके साथ ही पकड़े गए बंगाली और असामी मजदूरों को रिहा करने की मांग की.

प्रशासन ने प्रतिनिधि को अश्वासन दिया है कि पकड़े गए लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि उनके कुछ दस्तावेजों की जांच की जा रही है. प्रशासन ने कहा कि इन लोगों को दस्तावेजों की जांच होने तक रोके रखा जाएगा. प्रशासन ने प्रतिनिधियों की चिंता देखते हुए यह अश्वासन दिया कि फिक्र की कोई बात नहीं है. पकड़े गए लोगों को तकलीफ नहीं दी जाएगी और उनके खाने-पिने का पूरा इंतजाम किए जाएंगे.

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