Semiconductor in India; एक छोटे से चिप का संसार बहुत विशाल है. इतना विशाल की चीन इसपर धौंस दिखाता है. उसकी बादशाहत ऐसी है कि वो दुनियाभर के देशों को अकड़ दिखाने से बाद नहीं आया. सेमीकंडक्टर में चीन अपनी बादशाहत का गलत फायदा भी उठाता है. कभी सप्लाई रोककर तो कभी टैक्स बढ़ाकर.
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Made in India Semiconductor: एक छोटे से चिप का संसार बहुत विशाल है. इतना विशाल की चीन इसपर धौंस दिखाता है. उसकी बादशाहत ऐसी है कि वो दुनियाभर के देशों को अकड़ दिखाने से बाद नहीं आया. सेमीकंडक्टर में चीन अपनी बादशाहत का गलत फायदा भी उठाता है. कभी सप्लाई रोककर तो कभी टैक्स बढ़ाकर. इस सेमीकंडक्टर पर दुनियाभर के देशों के ईवी, इलेक्ट्रिक मार्केट की पूरी निर्भरता है. टीवी के रिमोट से लेकर कार तक इस सेमीकंडक्टर पर निर्भर है. इस सेक्टर में चीन की मनमानी को खत्म करने के लिए भारत तेजी से अपने पैर फैला रहा है. मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप के लिए सरकार की कोशिशों का असर दिखने लगा है. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल से भारत के पहले मेड इन इंडिया चिप को मार्केट में उतारा जा सकता है.
सेमीकंडक्टर में तेजी से बढ़ रहा है भारत
भारत का पहला मेड इन इंडिया चिप इसी साल के अंत तक जारी किया जा सकता है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि घरेलू स्तर पर निर्मित देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप इस साल जारी होने की उम्मीद है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिस तरह से हम सेमीकंडक्टर बनाने के लिए आवश्यक पूंजीगत उपकरण और सामग्री का निर्माण कर रहे हैं, उससे आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा.
टॉप 5 देशों में होंगे शामिल
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश की तीव्र प्रगति पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब चिप डिजाइन से लेकर निर्माण तक एक संपूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है, जो देश को इस क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने में मदद करेगा. आईआईटी-हैदराबाद के 14वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, वैष्णव ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बताया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्रों ने पहले ही 20 चिपसेट डिजाइन कर लिए हैं, जिनमें से आठ को "टेप आउट" करके निर्माण के लिए भेज दिया गया है. इन चिपसेट का निर्माण ग्लोबल फाउंड्रीज और मोहाली स्थित सरकारी स्वामित्व वाली सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) में किया जा रहा है जो 1976 से कार्यरत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा इस वर्ष अपना पहला व्यावसायिक स्तर का, मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप तैयार किए जाने की उम्मीद है.
इस उपलब्धि को सरकार के भारत सेमीकंडक्टर मिशन द्वारा सपोर्ट किया जा रहा है, जिसने 270 कॉलेजों और 70 स्टार्टअप्स को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (ईडीए) उपकरण प्रदान किए हैं. अकेले आईआईटी-हैदराबाद के 700 से अधिक छात्रों ने पिछले छह महीनों में इन उपकरणों का कुल मिलाकर 3,00,000 घंटे उपयोग किया है. इनोवेशन को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने एआईकोष नामक एक ओपन-सोर्स एआई प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जो अब 880 डेटासेट और 200 से अधिक एआई मॉडल होस्ट करता है। ये संसाधन देश भर के छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं. वैष्णव ने कहा कि ये प्रयास केवल शोध तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि आर्थिक लाभ में भी तब्दील हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 40 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो पिछले 11 वर्षों में आठ गुना वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान देश का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है और दोहरे अंकों की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है. आईएएनएस