Annasaheb Dange: बीजेपी में दोबारा शामिल होते हुए डांगे ने पुरानी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे प्रमोद महाजन को वाजपेयी ने उत्तराधिकारी के रूप में देखा. फिर वे महाराष्ट्र में मुंडे के पक्ष में समीकरण बनने लगे.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हलचल है. 90 साल के अन्नासाहेब डांगे की 23 साल घर वापसी हुई है. उन्होंने बीजेपी में वापसी कर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें फिर से बीजेपी ज्वाइन कराई है. वो शरद पवार के साथ थे. उन्होंने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी SP संघर्ष कर रही है. उम्रदराज डांगे की घर वापसी BJP के लिए सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है. इससे ओबीसी समाज और खासतौर पर धनगर समुदाय को एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी गया है.
डांगे धनगर समुदाय से..
असल में अन्नासाहेब डांगे वे नेता हैं जिन्होंने जनसंघ के जमाने से लेकर बीजेपी के पहले सत्ता काल तक पार्टी के लिए जमीन पर काम किया. 80 के दशक में जब पार्टी ने 'MADHAV' रणनीति (माली, धनगर और वंजारी समुदायों) के जरिए अपना आधार खड़ा करना शुरू किया. उस समय डांगे, गोपीनाथ मुंडे, सूर्यभान वहाडणे और एनएस फरण्डे जैसे नेताओं ने इस मिशन को जमीन तक पहुंचाया था. डांगे खुद धनगर समुदाय से आते हैं और यही वजह है कि उनकी वापसी को BJP एक अहम कदम मान रही है.
पुराने भाजपाई है डांगे..
1995 से 1999 तक जब BJP-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी तो डांगे को कैबिनेट मंत्री बनाकर ग्राम विकास और पंचायत राज मंत्रालय सौंपा गया. हालांकि 2002 में उन्होंने पार्टी को यह कहते हुए छोड़ा कि उन्हें मुंडे और प्रमोद महाजन के प्रभुत्व के चलते किनारे किया गया. बाद में उन्होंने लोकराज्य पार्टी बनाई और फिर 2011 में NCP में शामिल हो गए जहां उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया. लेकिन पवार की पार्टी में भी उन्हें प्रभावी भूमिका नहीं दी गई और वे हाशिए पर चले गए.
अब जब शरद पवार की पार्टी खुद अस्तित्व के संकट से जूझ रही है BJP ने पुराने नेताओं के लिए दरवाजे फिर से खोल दिए हैं. पार्टी का मानना है कि डांगे जैसे वरिष्ठ नेता मार्गदर्शन देने के साथ-साथ सामाजिक संतुलन और छवि निर्माण में मदद करेंगे. खुद डांगे का कहना है कि वे अब किसी पद की चाह नहीं रखते उनके पास पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में कई संस्थान हैं.
पार्टी में दरकिनार किया गया?
BJP में दोबारा शामिल होते हुए डांगे ने पुरानी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे प्रमोद महाजन को वाजपेयी ने उत्तराधिकारी के रूप में देखा. फिर वे महाराष्ट्र में मुंडे के पक्ष में समीकरण बनने लगे. उन्होंने कहा कि यही वह दौर था जब उन्हें पार्टी में दरकिनार किया जाने लगा. हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसे 'गलतफहमी' बताया और कहा कि हम डांगे जी से आशीर्वाद लेने आए हैं.
FAQ
Q1: अन्नासाहेब डांगे ने BJP कब छोड़ी थी?
Ans: उन्होंने 2002 में BJP छोड़ दी थी.
Q2: डांगे किस पार्टी में गए थे BJP छोड़ने के बाद?
Ans: वे 2011 में एनसीपी में शामिल हो गए थे.
Q3: BJP को डांगे की वापसी से क्या फायदा होगा?
Ans: धनगर समुदाय में सकारात्मक संदेश जाएगा और पार्टी को वरिष्ठ नेतृत्व का मार्गदर्शन मिलेगा.