दारू के चक्कर में दरिंदा बना पिता, 35 साल के बेटे को इतना मारा कि हो गई मौत, यतीम हुए 2 बच्चे
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दारू के चक्कर में दरिंदा बना पिता, 35 साल के बेटे को इतना मारा कि हो गई मौत, यतीम हुए 2 बच्चे

महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक बेरहम पिता ने शराब के चक्कर में अपने 35 वर्षीय बेटे का ही कत्ल कर दिया. बताया जा रहा है कि गुस्साए बाप ने अपने बेटे को डंडे से इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

दारू के चक्कर में दरिंदा बना पिता, 35 साल के बेटे को इतना मारा कि हो गई मौत, यतीम हुए 2 बच्चे

Father killed his son in Maharashtra for alcohol: कई बार कुछ ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं जो इंसान को हैरान कर देती हैं. आपने सुना या फिर कहीं ना किसी पिता के जरिए अपने बेटे को पीटते हुए देखा होगा, लेकन वो पिटाई हल्की-फुल्की होती है, आपने यह भी नोट किया होगा कि अगर पिता किसी बेटे को मारता भी है तो एक उम्र तक लेकिन जब बेटा बड़ा हो जाता है तो उसके साथ मारपीट कम करता है लेकिन महाराष्ट्र में एक बाप ने अपने 35 साल के बेटे को मारते-मारते मौत के घाट उतार दिया.

लकड़ी डंडे से इतना मारा कि मौके पर ही हो गई मौत

महाराष्ट्र के अमरावती में सोमवार सुबह यह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. यहां एक 65 वर्षीय पिता हीरामन धुर्वे ने अपने 35 साल के बेटे दिलीप धुर्वे का कत्ल कर दिया. बताया जा रहा है कि हीरामन ने अपने लिए शराब खरीदी थी लेकिन वो पी नहीं पाया, क्योंकि उसके पीने से पहले ही उसके बेटे दिलीप धुर्वे ने पहले ही पी ली थी. ऐसे में गुस्साए पिता ने अपने 35 साल के बेटे को लकड़ी के डंडे से बार-बार हमला कर मार डाला. पिता ने बेटे को इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

बेरोजगार था बेटा और शराब की बुरी लत का था शिकार

घटना की जानकारी मिलते ही थाना इंचार्ज अर्जुन ठोसरे और उप-निरीक्षक दीपक डालवी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. दिलीप की पत्नी, राजकुमारी धुर्वे की शिकायत पर पुलिस ने हीरामन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. दिलीप बेरोजगार था और उसे शराब की लत थी, जिससे घर में अक्सर झगड़े होते रहते थे. दिलीप और राजकुमारी के दो छोटे बच्चे भी हैं. एक 5 साल का और दूसरा ढाई साल का. फिलहाल पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है.

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ताहिर कामरान

पत्रकारिता की रहगुज़र पर क़दम रखते हुए 2015 में एक उर्दू अख़बार से अपने सफ़र का आग़ाज़ किया. उर्दू में दिलचस्पी और अल्फ़ाज़ की मोहब्बत धीरे-धीरे पेशे में ढल गई. उर्दू के बाद हिंदी-पंजाबी अख़बारों म...और पढ़ें

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