Khel Khel Mein Movie Review: यादगार भले ना हो लेकिन अच्छी टाइम पास मूवी तो है 'खेल खेल में'
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Khel Khel Mein Movie Review: यादगार भले ना हो लेकिन अच्छी टाइम पास मूवी तो है 'खेल खेल में'

Akshay Kumar की फिल्म Khel Khel Mein में 15 अगस्त को थियेटर में रिलीज होगी. अगर आप इस फिल्म को देखने जा रहे हैं तो एक बार इस रिव्यू को जरूर पढ़ लें. ये फिल्म सात दोस्तों की कहानी है जिसमें उनका खेल उनके गले की हड्डी बन जाता है और बात सुसाइड तक पहुंच जाती है.

 

खेल खेल में मूवी रिव्यू
खेल खेल में मूवी रिव्यू

निर्देशक: मुदस्सर अजीज

स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, वाणी कपूर, फरदीन खान, तापसी पन्नू, एमी विर्क, आदित्य सील, प्रज्ञा जैसवाल, किरण कुमार आदि 

कहां देख सकते हैं: थियेटर्स में 

क्रिटिक रेटिंग: 3.5

Movie Review Khel Khel Mein: ये 'मूवी खेल खेल में' (Khel Khel Mein), एक ऐसे आइडिया पर बनी है जो दुनिया भर में काफ़ी पसंद किया गया है. दुनिया भर की 28 भाषाओं में इसका रिमेक हो चुका है, भारत में ही ये चौथी रिमेक मूवी है, हालांकि हिन्दी में ये पहली बार है. ऐसे में एक लाइन में बस इतना कहा जा सकता है कि आपके लिये ये मूवी अच्छी टाइम पास साबित होगी लेकिन ना बहुत उम्मीदें लगाने की जरूरत है और ना फिल्म का क्राफ्ट देखने की जरूरत है और ना ही जरूरत है किसी की एक्टिंग परखने की.

क्या है कहानी?
इटली में 2016 में मूल रूप से इस मूवी को बनाया गया था, नाम था 'परफेक्ट स्ट्रैंजर्स'. भारत में दो बार मलयालम में और एक बार कन्नड़ में इसे बनाया जा चुका है. मूल कहानी है 7 दोस्तों की, जिनमें तीन जोड़े हैं और एक की गर्लफ्रेंड साथ नहीं है.

सात दोस्तों की कहानी

एक जोड़ा है प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर ऋषभ मलिक (अक्षय कुमार) और लेखिका वर्तिका (वाणी कपूर) का, वर्तिका उसकी दूसरी बीवी है, पहली बीवी से एक किशोर बेटी है, वर्तिका ऋषभ एक तरह से तलाक के मुहाने पर खड़े हैं. दूसरा जोड़ा है हरप्रीत (तापसी) पन्नू और हरप्रीत (एमी विर्क) का, पेशे से ऑटोमोबाइल व्यवसाई हैं हरप्रीत. तीसरा जोड़ा है समर (आदित्य सील) और नैना (प्रज्ञा) का, समर कभी प्रज्ञा की कंपनी में काम करता था, प्रज्ञा से शादी करके पूरी कंपनी का दामाद बन गया है. जबकि सातवां है कबीर (फरदीन खान), जो एक स्कूल में क्रिकेट कोच था, जिसका कॉन्ट्रैक्ट हाल ही में खत्म हुआ है. 

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सुसाइड तक पहुंच जाता है खेल

ये सातों दोस्त वर्तिका की छोटी बहन की शादी में जयपुर आये हुए हैं. एक होटल में सारे मेहमान रुके हुए हैं, कई दिन रुकना है, सारी रस्में वहीं संपन्न होनी हैं. ऐसे में सातों दोस्त सोने से पहले आपस में एक गेम प्लान करते हैं, एक अनोखा गेम जिसमें सबको करना है सच का सामना. सबके मोबाइल फोन एक मेज पर रख दिये जाते हैं और हर किसी को अपने कॉल या मेसेज को सबको पढ़ाना या सुनाना जरूरी होगा. फिर जब खेल शुरू होगा तो आप सीट से उठ नहीं पायेंगे. फन में शुरू हुआ ये गेम आत्महत्या की कोशिश तक पहुंच जाता है. 

खोलते हैं अपने राज
फिल्म के साथ अगर आप एक बार जुड़ जाते हैं तो आपको मजा आना तय है, लेकिन ज्यादा दिमाग लगाया कि कैसे सात में से एक समलैंगिक, एक का बॉस से अफ़ेयर, एक का पुरानी दोस्त से अफेयर, एक पति के कार में जीपीएस ट्रैकिंग करने वाली, एक के स्पर्म कम और एक को होटेल्स में एस्कॉर्ट मंगाने की जरूरत पड़ती हो. 

आप और हम ये गेम खेलेंगे तो हम सबके फोन पर प्रेमी प्रेमिकाओं के कम लेकिन लोन देने वाले, प्रॉपर्टी बेचने वाले और इंश्योरेंस पॉलिसी वालों के दस फोन जरूर आ जाएंगे.  लेकिन इन लोगों के पास केवल वही फोन आते हैं, जो अकेले में ही आने चाहिए या फिलम की कहानी बढ़ा रहे हों. ऐसे में फिल्म थोड़ी बनावटी सी लगती है. वैसे भी जिसकी सगी बहन की शादी हो, वो इतनी फुरसत से रात भर अपने मायके वालों को छोड़कर पति, दोस्तों के साथ गेम खेलती रहे, भारत में ये भी कम अजीब नहीं.

डाइजेस्ट नहीं होता क्लाइमेक्स

फिल्म के क्लाइमेक्स के साथ भी यही दिक्कत है, सभी जोड़ों के साथ इतने बड़े-बड़े कांड हो जाते हैं कि इतनी जल्दी पैच अप होना कतई आसान नहीं था, लेकिन बॉलीवुड मूवीज की तरह हैप्पी एंडिंग करनी थी सो जल्दी-जल्दी सबकी नाराजगी दूर कर दी गई. ये थोड़ा सा तो अजीब लगता है, लेकिन मूवी इमोशनल से ज्यादा कॉमेडी टोन में थी, सो चल भी जाएगा.

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जाहिर है बहुत सारे फार्मूले इस मूवी में इस्तेमाल किए गए हैं और निर्देशक पर ये दबाव भी था कि सात लोगों के प्रोफाइल्स, उनके बीच की केमिस्ट्री, पुरानी जिंदगी को तो स्थापित किया ही जाये, फिल्म की हैप्पी एंडिंग भी हो, सो ऐसे में कई किरदार केवल फोन पर रहे और गाने कहानी का हिस्सा ही बन गये, उन पर ज्यादा ध्यान नहीं गया. रही बात एक्टिंग की तो अक्षय, तापसी मंझे हुए कलाकार हैं, उन पर सवाल उठाना ही मुश्किल है.  वाणी ने इमोशनल सीन्स में खुद को निखारा है, ऐमी पुरानी फिल्मों जैसे रोल में ही हैं, फरदीन धीरे-धीरे वापसी कर रहे हैं, हां आदित्य सील और प्रज्ञा जैसवाल ने जरूर अपनी छाप छोड़ी है. 

इस मूवी के साथ बस एक ही दिक्कत है, गलत समय पर रिलीज होना, इसके साथ ही इस हफ्ते  राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की 'स्त्री2' और जॉन अब्राहम की 'वेधा' रिलीज हुई हैं. ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी डिमांड 'स्त्री2' की है, एडवांस बुकिंग बहुत ज्यादा हुई है. ऐसे में जिंदगी रॉक्स, दूल्हा मिल गया, हैप्पी भाग जाएगी जैसी सीरीज बनाने वाले मुदस्सर अजीज की मूवी के किए परीक्षा की घड़ी है.  

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