The Secret Of Devkaali Review: 'कांतारा' जैसा फील दे सकती है 'द सीक्रेट ऑफ देवकाली', चिपकाए रखेगी सीट से
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The Secret Of Devkaali Review: 'कांतारा' जैसा फील दे सकती है 'द सीक्रेट ऑफ देवकाली', चिपकाए रखेगी सीट से

अगर आप किसी बेहतरीन और डिफरेंट फिल्म को देखना चाहते हैं तो 'द सीक्रेट ऑफ देवकाली' फिल्म आपको 'कांतारा' वाला फील दे सकती है. इसे देखने से पहले एक बार इसका रिव्यू जरूर पढ़ लें.

द सीक्रेट ऑफ देवकाली रिव्यू
द सीक्रेट ऑफ देवकाली रिव्यू

फिल्म: 'द सीक्रेट ऑफ देवकाली'
कलाकार: नीरज चौहान, संजय मिश्रा, महेश मांजरेकर, भूमिका गुरुंग,  अनुष्का चौहान, जरीना वहाब, प्रशांत नारायणन, अमित लेखवानी, मनन भारद्वाज
निर्देशक: नीरज चौहान
अवधि : 2 घंटा 13 मिनट
रेटिंग:

The Secret Of Devkaali Review: अगर आपको 'तुम्बाड' और 'कांतारा' फिल्म पसंद आई है तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. इस फिल्म में भले ही कोई सुपरस्टार नहीं है, लेकिन कहानी के मामले में ये मूवी एकदम दमदार है. जो आपको अंदर तक झनझोर कर रख देगी. 

क्या है कहानी?

'द सीक्रेट ऑफ देवकाली' फिल्म की कहानी दो कबीलों के लोगों के बीच की है. जहां एक कबीला अहिंसा का पुजारी है तो दूसरा कबीला बहुत हिंसक है.इस गांव में ऐसा माना जाता है कि जब भी कोई मासूम जीव को टॉर्चर करता है, माता खुद एक सुपर पॉवर के रूप मे प्रकट होती है और दुष्टों का नाश करती है. जब उस गांव में अत्याचार हद से बढ़ जाता है तो माधव (नीरज चौहान) के रूप में देवी जन्म लेती है ताकि दुष्टों को खत्म कर सके. ये कहानी एक ऐसे अभिशाप के बारे में भी है जिसके कारण देवकाली गांव में दशकों से किसी लड़की की शादी नहीं हुई.

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रोल को घोलकर पी गए संजय मिश्रा

इस फिल्म के कई सीन तो ऐसे है जो आपको हैरान कर देंगे. भले ही ये फिल्म 'कांतारा' जैसी बिग बजट मूवी नहीं है लेकिन कहानी आपको वही फील देगी. फिल्म में ऐसे-ऐसे सितारे हैं जिन्हें देखकर लग रहा है कि वो अपने रोल को मान लो घोलकर पी गए हैं. नीरज चौहान ने अपनी गजब की अदाकारी से इंप्रेस किया है. इसके साथ ही संजय मिश्रा और प्रशांत नारायणन का शॉट भी एक दम बेहतरीन है. संजय मिश्रा तो संजय मिश्रा हैं, वो जिस फिलम में भी होते हैं हर सीन को इतना नेचुरली तरीके से करते है वो अपने आप शानदार हो जाता है. 

क्यों देखें फिल्म

2 घंटे 13 मिनट तक आपको सीट से चिपकाए रखेगी. जिससे इतना जरूर कहा जा सकता है कि इस कहानी पर निर्देशक नीरज चौहान की अच्छी पकड़ है. डायलॉग की बात करें तो कुछ डायलॉग तो बवाली है. एक सीन में माधव यानी कि नीरज से पुजारी की बात हो रही होती है. ये डायलॉग है- 'तुम लोगों को तो भगवान पे कोई विश्वास ही नहीं है, तुम भक्ति भी करते हो तो अपने स्वार्थ के लिए करते हो.कलयुग में तुम्हें अपने कर्मों का दंड भुगतना पड़ेगा. ये जो प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं इसके पीछे के संकेत को समझो.' इस डायलॉग के जरिए एक खास मैसेज दिया गया है.जिस वजह से ये आपको इस फिल्म से कनेक्ट करेगा. 

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