CT स्कैन से चली गयी 34 साल की महिला की जान, 2 हफ्ते से दांत दर्द से थी परेशान
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CT स्कैन से चली गयी 34 साल की महिला की जान, 2 हफ्ते से दांत दर्द से थी परेशान

Death During CT Scan: सीटी स्कैन शरीर में छिपी बीमारियों को पहचानने के लिए किया जाता है. लेकिन इस प्रोसेसर में मौत होने का भी खतरा हो सकता है. हाली ही में एक 34 साल की महिला इसका शिकार हो चुकी हैं. 

CT स्कैन से चली गयी 34 साल की महिला की जान, 2 हफ्ते से दांत दर्द से थी परेशान

सीटी स्कैन जो शरीर के अंदर के तस्वीर को स्पष्ट रूप से देखने के लिए उपयोग किया जाता है, कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है. हाल ही में एक 34 वर्षीय महिला, ली रॉजर्स, की मौत एक सीटी स्कैन के दौरान हो गई.  

ब्रिटिश टैब्लॉयड 'द सन' के अनुसार, महिला को उस समय केमिकल डाई से एलर्जी हुई थी, जो स्कैन प्रोसेस के लिए इस्तेमाल की गई थी. यह घटना एक गंभीर चेतावनी के रूप में उभरी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्कैन में उपयोग होने वाले केमिकल तत्वों से होने वाली प्रतिक्रिया कितनी खतरनाक हो सकती है.

क्या है पूरी घटना 

ली रॉजर्स को दो सप्ताह से लगातार दांत में दर्द हो रहा था, और जब दर्द असहनीय हो गया, तो उसने अपने डेंटल क्लिनिक से अपॉइंटमेंट ली. जिसके बाद उसके साथी डैरेन ने एम्बुलेंस को घर बुलाया. काउंटी डरहम के यूनिवर्सिटी अस्पताल में पहुंचने पर, डॉक्टर ने पाया कि दर्द का कारण एक इंफेक्शन है. तब उसे पूरी बॉडी का सीटी स्कैन करने की सलाह दी गई ताकि यह देखा जा सके कि उसे लुडविग एंजिना नामक संक्रमण है या नहीं, जो एक दुर्लभ और खतरनाक बैक्टीरियल संक्रमण है. इसके लिए, ली को आयोडीन युक्त कंट्रास्ट डाई दी गई ताकि स्कैन के दौरान इमेजेस साफ और स्पष्ट आ सकें.

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सीटी स्कैन के दौरान एलर्जी

सीटी स्कैन के दौरान, ली को अचानक से गंभीर एलर्जी हो गई, जिसे एनाफिलेक्टिक शॉक कहा जाता है. यह प्रतिक्रिया इतनी तेज और खतरनाक थी कि वह स्कैन के दौरान ही असहनीय रूप से बीमार हो गई और उनकी मौत हो गई. डॉ. ओलिवर मूर, जो इमरजेंसी मेडिकल के विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी करियर में कभी भी किसी मरीज को कंट्रास्ट डाई के कारण इतनी गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया होते नहीं देखा.

मौत का कारण

पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट में यह साफ किया गया कि ली की मौत का कारण "कंट्रास्ट मीडिया से गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया" था. काउंटी डरहम और डार्लिंगटन के वरिष्ठ सहायक कोरोनर, क्रिस्पिन ओलिवर ने भी इस मामले में नैरेटिव वर्डिक्ट जारी करते हुए कहा कि ली की मौत में कोई देरी नहीं हुई थी और उसे तुरंत इमरजेंसी भी प्रदान किया गया था.

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चेतावनी

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि मेडिकल प्रोसीजर में, भले ही उनका उद्देश्य जीवन को बचाना हो, कभी-कभी जानलेवा खतरे भी पैदा हो कर सकते हैं. डॉक्टर और मरीजों को सीटी स्कैन और अन्य मेडिकल प्रोसीजर के दौरान एलर्जी रिएक्शन के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है. 

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शारदा सिंह

पत्रकारिता में ग्रेजुएशन माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी भोपाल से और मास्टर्स गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार से किया है. डिजिटल मीडिया में 6 वर्षों का अनुभव है. जिसमें एनबीटी डिजिटल, अनवरत एनजीओ, हा...और पढ़ें

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