जिस बीमारी से हर साल भारत में मर जाती हैं हजारों महिलाएं, उस पर एक्शन में मोदी सरकार, उठाया ये बड़ा कदम
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जिस बीमारी से हर साल भारत में मर जाती हैं हजारों महिलाएं, उस पर एक्शन में मोदी सरकार, उठाया ये बड़ा कदम

Cervical Cancer: दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में से 25 % भारत में होती है. ऐसे में सरकार लगातार इन मौतों को रोकने और बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही है. 

 

जिस बीमारी से हर साल भारत में मर जाती हैं हजारों महिलाएं, उस पर एक्शन में मोदी सरकार, उठाया ये बड़ा कदम

Cervical Cancer Prevention: भारत में सर्वाइकल कैंसर और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है. सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान जानकारी दी कि भारत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए अब तक देशभर में 30 साल या उससे ज्यादा उम्र की 10.18 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की जांच की जा चुकी है. सर्वाइकल कैंसर की जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) में की गई, जो सरकार की ओर से शुरू किए गए हेल्थ सेंटर हैं.

 

भारत में सर्वाइकल कैंसर का कारण
बता दें कि दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में से 25 प्रतिशत भारत में होती हैं. इसका बड़ा कारण जानकारी देर से मिलना और फिर इलाज भी देर से शुरू होना है.
यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर प्रतापराव जाधव ने कहा, "20 जुलाई तक, नेशनल एनसीडी पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 30 साल या उससे ज्यादा उम्र की कुल 25.42 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें कैंसर की जांच की जरूरत है. अब तक 10.18 करोड़ महिलाओं की जांच हो चुकी है."

 

सरकार घर-घर जांच की सुविधा दे रही
उन्होंने आगे कहा, "ये आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के जरिए लोगों को बीमारी से पहले ही बचाने और जांच करने की सुविधा दे रही है." यह उपलब्धि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा है, जो पूरे देश की आबादी के लिए चलाया जा रहा है. इसका मकसद जांच करना, बीमारी को रोकना और इलाज करना है.

 

आसान और सस्ती टेस्ट मेथड से ही रही जांच
जाधव ने लोकसभा में बताया, "यह योजना 30 से 65 साल की महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इन महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच वीआईए (विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड) नाम की एक आसान और सस्ती टेस्ट मेथड से की जाती है. यह जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के तहत बने सब-हेल्थ सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में की जाती है. अगर किसी महिला की रिपोर्ट वीआईए पॉजिटिव आती है, तो उसे बड़े अस्पतालों में भेजा जाता है, जहां उसकी आगे की जांच और इलाज होता है."

 

सरकार महिलाओं को कर रही जागरूक
सरकार ने गांव और छोटे इलाकों में सर्वाइवल कैंसर को रोकने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा है, जो घर-घर जाकर महिलाओं की जांच के लिए उन्हें जागरूक करती हैं और जांच कराने में मदद करती हैं, ताकि बीमारी समय पर पकड़ी जा सके और रोकी जा सके.
--आईएएनएस

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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