पश्चिम बंगाल में एजुकेशन सिस्टम कैसे क्लीन होगा? बीजेपी सांसद ने अपनी मांग में बताया
Advertisement
trendingNow12710626

पश्चिम बंगाल में एजुकेशन सिस्टम कैसे क्लीन होगा? बीजेपी सांसद ने अपनी मांग में बताया

West Bengal News: सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25,753 स्कूल कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द किए जाने के बाद पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी से योग्य अभ्यर्थियों के लिए समिति बनाने का सुझाव दिया, जिसे सत्तारूढ़ टीएमसी ने खारिज कर दिया था.

पश्चिम बंगाल में एजुकेशन सिस्टम कैसे क्लीन होगा? बीजेपी सांसद ने अपनी मांग में बताया

West Bengal Teacher recruitment scam: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के पूर्व न्यायाधीश एवं बीजेपी (BJP) के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय (MP Abhijit Gangopadhyay) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हुए पात्र स्कूल कर्मचारियों को अपात्र कर्मचारियों से अलग करने की प्रक्रिया ओएमआर शीट की जांच से शुरू करने की मांग की है. गंगोपाध्याय ने स्कूल सेवा आयोग (SSC) से की अपनी मांग में यह दावा भी किया कि कमीशन द्वारा ये काम आसानी से किया जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक समिति बनाने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए, जो ‘पात्र शिक्षकों’ की नौकरियों को बचाने के लिए एक तंत्र खोजने में मदद करे. 

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ था?

उच्चतम न्यायालय ने 2016 के स्कूल सेवा आयोग भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के 2024 के फैसले को तीन अप्रैल को बरकरार रखा था और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘दागदार’ बताया था. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद बेरोजगार हुए लोगों ने दावा किया कि उनकी दुर्दशा का मुख्य कारण एसएससी की यह अक्षमता है कि वह फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले और पात्र अभ्यर्थियों के बीच अंतर नहीं कर पाई. 

आयोग के अध्यक्ष मानेंगे बात?

जस्टिस गंगोपाध्याय कम से कम 20 ‘पात्र शिक्षकों’ के एक समूह के साथ SSC आफिर में आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार से मिलने गए, लेकिन वह मौके पर मौजूद नहीं थे. इसके बाद बीजेपी के लोकसभा सदस्य ने कुछ अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आयोग से ओएमआर शीट की जांच कर योग्य अभ्यर्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई और दावा किया गया कि एसएससी द्वारा यह काम आसानी से किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, 'अगर एसएससी OMR की जांच करने में असमर्थ है, तो हम मान लेंगे कि उन पर (ऐसा न करने का) दबाव है. लेकिन उन्हें ऐसा करना ही होगा.' तामलुक से सांसद ने कहा कि वो 9 अप्रैल को फिर से एसएससी के ऑफिस जाएंगे और दबाव बनाने के लिए अध्यक्ष से मिलेंगे.  (भाषा)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;