Election Commission New Rule: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से अवैध अप्रवासी के नामों को हटाने के लिए नया पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है. इसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव के पहले 25 जून से शुरू की गई है.
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EC Voter List New Rule: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से अवैध अप्रवासियों को हटाने के लिए नया देशव्यापी अभियान शुरू किया है. चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में शामिल होने वाले नए अभ्यर्थियों के साथ 2003-04 की आखिरी विशेष छूट के बाद वोटर लिस्ट से जुड़े मौजूदा मतदाताओं के लिए एक सेल्फ अटेस्टेड घोषणापत्र देना होगा कि वे भारतीय नागरिक हैं. इसके लिए उन्हें जन्म की तारीख और जगह का दस्तावेजी सबूत देना होगा या फिर पंजीकरण का सर्टिफिकेट दिखाना होगा. चुनाव आयोग ने एक आदेश में कहा कि बिहार के लिए ये अभियान बुधवार से प्रारंभ होगा.
ऐसे चलेगा चुनाव आयोग का अभियान
पहले से भरा हुआ गणना फॉर्म बूथ लेवल अफसर घर-घर जाकर मौजूदा मतदाताओं के बीच बांटेंगे. इस फॉर्म में फोटो, जन्मतिथि, आधार (वैकल्पिक), माता-पिता या जीवनसाथी का नाम और वोटर आई का ईपीआईसी नंबर भरना होगा. बीएलओ ये फॉर्म और दस्तावेजी साक्ष्य इकट्ठा करेगा.वोटर या आवेदक चाहें तो ECINET ऐप के जरिये भी अपना फॉर्म अपलोड कर सकते हैं. निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकरी इस फॉर्म की जांच करेंगे. अगर मामला संदिग्ध पाया जाता है तो वो खुद उस व्यक्ति के घर जाकर सत्यापन करेंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त एसएस संधूऔर विवेक जोशी ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 21 के तहत इस वोटर लिस्ट के इस स्पेशल रिवीजन का आदेश दिया है. इसकी शुरुआत बिहार से होगी. आयोग ने कहा है कि 2003 बिहार वोटर लिस्ट में शामिल लोगों को कोई दस्तावेजी सबूत नहीं देना होगा. निर्वाचन अधिकारी 2003 की मतदाता सूची को ही वोटरहोने की योग्यता के साथ नागरिकता का साक्ष्य मानकर काम करेंगे, बशर्तें किसी मामले में उनके पास कोई खास इनपुट हो.
इसके बाद के लोगों को गणना फॉर्म के साथ स्व घोषणापत्र देना होगा कि उनकी उम्र 18 साल से अधिक है और वो संबंधित विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र के निवासी हैं. उन्हें नागरिकता के साथ साक्ष्य के तौर पर 11 चिन्हित दस्तावेजों में से एक दिखाना होगा.
नए नियम से बढ़ेंगी मुश्किलें
नागरिकता अधिनियम के अनुसार, मतदाताओं को यह घोषित करना होगा कि क्या वो 1 जुलाई, 1987 से पहले भारत में पैदा हुए थे. ऐसे में उन्हें अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए 11 दस्तावेजों की सूची में से चुनना होगा. अगर वो 1 जुलाई 1987 और 2 दिसंबर 2012 के बीच भारत में पैदा हुए तो उन्हें अपने पिता या माता के लिए सूचीबद्ध दस्तावेज भी प्रदान करने होंगे. अगर वे 2 दिसंबर, 2004 के बाद पैदा हुए हैं, तो उन्हें अपने और अपने माता-पिता के जन्म तिथि और जन्म स्थान का प्रमाण देना होगा. माता-पिता में से कोई एक गैर भारतीय है तो उन्हें अपने जन्म के समय मां-बाप के वैध पासपोर्ट और वीज़ा की एक कॉपी देनी होगी.