Chaturmas 2025: क्या होता है चातुर्मास, कब से हो रहा शुरू? जिसके कारण आरा में प्रवास करेंगे संत जीयर स्वामी
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Chaturmas 2025: क्या होता है चातुर्मास, कब से हो रहा शुरू? जिसके कारण आरा में प्रवास करेंगे संत जीयर स्वामी

Chaturmas 2025: संत जीयर स्वामी का चातुर्मास व्रत 12 जून से 07 अक्टूबर तक प्रस्तावित है. 02 अक्टूबर से शुरू होगा और 07 अक्टूबर तक चलेगा. 07 अक्टूबर को विराट धर्म सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा.

संत जीयर स्वामी जी
संत जीयर स्वामी जी

Chaturmas 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चतुर्मास 6 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है और 1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी पर इसका समापन होगा. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह शामिल होते हैं. इन चार महीनों के लिए श्रीहरि विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचालन शिव जी के पास होता है. चातुर्मास लगने के बाद शुभ व मांगलिक कार्य जैसे मुंडन संस्कार, विवाह, तिलक, यज्ञोपवीत जैसे 16 संस्कार बंद हो जाते हैं. पलंग पर सोना, नशीले पदार्थों का सेवन, किसी अन्य का दिया भोजन करना, झूठ बोलना, दही खाना, मांस खाना, मूली, बेंगन और साग-पात आदि का सेवन भी वर्जित होते हैं. चातुर्मास का महीना धर्माचार्यों, साधु-संतों, योगीजनों के लिए बहुत खास होता है. इस दौरान वे एक ही स्थान पर रहकर जप,तप और साधना करते हैं. इसी क्रम में संत जीयर स्वामी बिहार के भोजपुर में चातुर्मास प्रवास करेंगे. 

संत जीयर स्वामी जी महाराज के 2025 चातुर्मास व्रत के लिए पंडाल बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. चातुर्मास व्रत के लिए प्रवचन पंडाल, स्वामी जी की कुटिया एवं संत महात्मा के लिए विश्राम गृह एवं अन्य जरूरी पंडाल निर्माण के कार्य लगभग अंतिम चरण में है. चातुर्मास व्रत 12 जून से 07 अक्टूबर तक प्रस्तावित है. स्वामी जी के मार्गदर्शन में चातुर्मास स्थल पर कथा पंडाल, प्रसाद के लिए जगह का चयन एवं अन्य प्रकार के जरूरी कार्य निरंतर चल रहा है. इस चातुर्मास यज्ञ में पूरे भारत के कोने-कोने से लोग स्वामी जी महाराज के दर्शन को लेकर पहुंचेंगे.

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चातुर्मास के दौरान हर रोज विधिवत रूप से पूजा पाठ संपन्न होगा. इसके अलावा हर रोज संत यहां प्रवचन करेंगे. तकरीबन 4 महीने पूरी निष्ठा के साथ भगवान की आराधना की जाएगी. इस चातुर्मास यज्ञ के समापन के मौके पर विशाल महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा. यह महायज्ञ 02 अक्टूबर से शुरू होगा और 07 अक्टूबर तक चलेगा. महायज्ञ की पूर्णाहुति 7 अक्टूबर को होगी. उसी दिन विराट धर्म सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. चातुर्मास स्थल करीब 8 बीघे जमीन पर फैला हुआ है.

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