मोतिहारी एसपी के सामने नहीं चली जन सुराज नेता की हेकड़ी, पैरवीकारों को दिया सख्त संदेश
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मोतिहारी एसपी के सामने नहीं चली जन सुराज नेता की हेकड़ी, पैरवीकारों को दिया सख्त संदेश

मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने प्रशांत किशोर के करीबी जनसुराज नेता डॉ मंजर नसीम को उनके चेंबर से बाहर निकाल दिया. मंजर नसीम एक मुकदमे की पैरवी के लिए पहुंचे थे, लेकिन उनकी ऊंची आवाज और दबाव बनाने की कोशिश पर एसपी ने सख्ती दिखाई.

मोतिहारी एसपी का पैरवीकारों को सख्त संदेश
मोतिहारी एसपी का पैरवीकारों को सख्त संदेश

मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने प्रशांत किशोर के करीबी नेता डॉ मंजर नसीम की हेकड़ी निकाल दी है. डॉ मंजर नर्सिंग एक केस की पैरवी करने एसपी स्वर्ण प्रभात के दफ्तर पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्वर्ण प्रभात के सामने अपनी बात रखनी शुरू की. डॉक्टर मंजर नसीम ने मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया. इस दौरान पैरवी करने आए डॉ मंजर नसीम की आवाज लगातार तेज होती गई. इसी बीच एसपी ने पूछा, क्या आप पीड़ित हैं? आप कौन हैं? लेकिन तब तक मंजर नसीम ऊंची आवाज में बात करने लगे और काम करने का दबाव बनाने लगे, जिससे एसपी स्वर्ण प्रभात नाराज हो गए और उन्हें अपने चैंबर से बाहर का रास्ता दिखा दिया और नगर थाने को फोन कर डॉ. मंजर नर्सिंग की पुष्टि की कि वह कौन हैं.

नगर थाने की पुलिस ने जन सुराज नेता डॉ. मंजर नसीम को करीब दो घंटे तक अपने साथ रखा और फिर छोड़ दिया. डॉ. मंजर नसीम मोतिहारी के डॉक्टर हैं और जन सुराज पार्टी से जुड़े हैं और वह प्रशांत किशोर के काफी करीबी रहे हैं. इससे पहले भी जब प्रशांत किशोर पूर्वी चंपारण आए थे, तब भी प्रशांत किशोर ने डॉ. मंजर नसीम के बारे में कहा था कि वह जन सुराज के संस्थापक सदस्य हैं.

यह पहली बार नहीं है जब मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने किसी नेता की हेकड़ी निकाली हो. इससे पहले भी जब एक पूर्व विधायक एक सब इंस्पेक्टर की पैरवी करने एसपी के चैंबर गए थे, तब एसपी ने पूर्व विधायक के सामने ही सब इंस्पेक्टर को जेल भेज दिया था.

डॉ मंजर नसीम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एसपी ने उन्हें डांटकर अपने चैंबर से बाहर निकाल दिया है, जबकि वे एक महिला के लिए न्याय मांगने एसपी के पास गए थे. जनसुराज नेता डॉ मंजर नसीम ने बताया कि डीआईजी के निर्देश पर वे डीआईजी द्वारा अग्रसारित आवेदन पत्र लेकर एसपी से मिलने गए थे, इस दौरान वे नाराज हो गए और पुलिस बुलाकर मेरा सत्यापन कराया, फिर दोबारा बुलाकर मेरी बात सुनी और निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया.

इस पूरे मामले में मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि डॉ मंजर नसीम बिना किसी कारण के ऊंची आवाज में बहस करने लगे, जबकि वे पीड़िता या पीड़िता के रिश्तेदार नहीं थे. हमने उनका सत्यापन किया कि वे कौन हैं, फिर उनसे मुलाकात की और उनकी बात सुनी. एसपी ने यह भी बताया कि उन तक पहुंचने के लिए किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं है. जाहिर है एसपी ने कड़ा संदेश देने की कोशिश की है.

इधर डॉ मंजर नसीम ने बताया है कि उनकी डीआईजी से बात हुई है, मंजर नसीम के मुताबिक डीआईजी ने उनसे कहा है कि मोतिहारी एसपी ने आपके साथ जो भी अभद्र व्यवहार किया है, आप उसे लिखकर दे दीजिए, मैं मोतिहारी एसपी के खिलाफ कार्रवाई करूंगा. इस संबंध में बेतिया डीआईजी से बात की तो उन्होंने जनसुराज नेता डॉ मंजर नसीम से ऐसी किसी भी बातचीत से साफ इनकार किया.

इनपुट- पंकज कुमार

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