Khunti Hailstorm: मौसम की मार ने तोड़ी किसानों की कमर, ओलावृष्टि से सब्जियों की फसल को भारी क्षति
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Khunti Hailstorm: मौसम की मार ने तोड़ी किसानों की कमर, ओलावृष्टि से सब्जियों की फसल को भारी क्षति

Khunti Hailstorm: झारखंड के खूंटी में हुई ओलावृष्टि और बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. खासकर सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को काफी क्षति हुआ है. उनका पूरा फसल बर्बाद हो गया है, जिससे लगाया हुआ पूंजी भी बरामद नहीं हो सका है. 

 

ओलावृष्टि से सब्जियों की फसल को भारी क्षति
ओलावृष्टि से सब्जियों की फसल को भारी क्षति

Khunti Hailstorm: झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से कई किसानों के फसल को काफी क्षति पहुंची है. उनका फसल बर्बाद हो गया है. कर्रा प्रखंड के लोधमा क्षेत्र अंतर्गत मुरहू और आसपास के गांवों में ओलावृष्टि और बारिश से सब्जी की फसलों की बर्बादी से किसान काफी परेशान हैं. ओलावृष्टि का फसल पर प्रहार से गोभी, लौकी, तरबूज, मिर्च , भिंडी , खीरा, टमाटर, समेत कई फसलें नष्ट होने से किसानों को भारी नुकसान हो गया और खेती के लिए लगाई हुई पूंजी की भी क्षति ने उन्हें तोड़कर कर रख दिया है. किसान खेती करने में पूंजी के साथ जी जान लगा देते हैं, लेकिन अब प्रकृति की मार के आगे उनकी सारी मेहनत और लगाई गई पूंजी पर पानी फिर गया है. ओलावृष्टि से सारी सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. वो त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं. 

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फसलों की भारी क्षति के कारण किसानों की सब्जियों का बिक्री काफी कम दाम में हो रहा है. साथ ही, खराब सब्जियों की बिक्री नहीं होने से लोग अपने मवेशियों को खेतों में चराने लग गए हैं. भारी नुकसान होने से अब किसानों को आगे खेती करने के लिए भी सोचना पड़ रहा है. एक तरफ किसानों को लगाए हुए पूंजी की बर्बादी को झेलना पड़ा रहा है. वहीं, दूसरी ओर फसल लगाए हुए खेत में किसान अपने मवेशी चराने लग गए हैं. 

हाकाजांग की किस गुड़िया देवी ने बताया कि उनके परिवार द्वारा कई प्रकार के सब्जियों की खेती की गई थी, लेकिन हाल ही में हुए ओलावृष्टि और बीच-बीच में हो रही बारिश से सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है. इससे खेती करने के लिए लगाया हुआ पूंजी भी बर्बाद हो गया. ओलावृष्टि के कारण दो एकड़ जमीन में लगी अलग-अलग तरह की सब्जी जैसे- गोभी, मिर्च, भिंडी, मोंगरा आदि बर्बाद हो गया. जिससे लगभग 2 लाख रुपये का घाटा लगा है. खेती करने में एक लाख रुपए लगाए थे. बर्बाद फसल का कुछ नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए खेत की जुताई करके फिर से फसल लगाना पड़ेगा.

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लोधमा मुरहू की किरण देवी ने बताया कि पत्थर-पानी से खेती किए हुए गोभी का फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया. इसके अलावे मूली, मिर्च, बोदी ओलावृष्टि से खराब हो गया. किसान है तो खेती करना ही पड़ेगा. इसी से रोजी-रोटी चलती है. जहां 20 रुपए किलो गोभी बेचते वहीं, अब छांट-छांटकर अच्छे गोभी को एक-दो रुपए में बगल के बाजार में बेचना पड़ रहा है. 1 एकड़ में गोभी, 50 डिसमिल में मिर्च, 50 डिसमिल में तरबूज और अन्य जगहों में अलग-अलग खेती किए थे. इससे पूंजी भी वापस नहीं आया और जो बिक्री नहीं हो रहा है उसपर मवेशी को चरा दे रहे हैं.

इनपुट - ब्रजेश कुमार

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