Munger News: बारिश में बहा डायवर्जन... खड़गपुर-तारापुर मार्ग ठप, किसानों और श्रद्धालुओं की बढ़ी मुश्किलें
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Munger News: बारिश में बहा डायवर्जन... खड़गपुर-तारापुर मार्ग ठप, किसानों और श्रद्धालुओं की बढ़ी मुश्किलें

Munger News: शुक्रवार सुबह से हो रही रुक-रुक कर बारिश के बीच खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग पर कच्ची मोड़ स्थित डंगरी नदी पर बना डायवर्जन बह गया. महकोला बासा के पास गुहिया नदी पर बना डायवर्सन के ऊपर से पानी बह रहा.

मुंगेर में बह गया डायवर्जन
मुंगेर में बह गया डायवर्जन

Munger News: बिहार के मुंगेर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग पर कच्ची मोड़ स्थित डंगरी नदी पर बना अस्थायी डायवर्जन बह गया, जिससे क्षेत्र का सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं महकोला बासा के पास गुहिया नदी पर बने डायवर्जन पर भी पानी बह रहा है. इसके कारण हवेली खड़गपुर और तारापुर के बीच का यातायात पूरी तरह ठप हो गया है. अब यात्रियों और स्थानीय लोगों को वैकल्पिक ग्रामीण मार्गों से 15 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर सफर करना पड़ रहा है. बारिश के मौसम में कीचड़ और जलजमाव ने ग्रामीण सड़कों को भी दुर्गम बना दिया है.

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निर्माण कार्य और एजेंसी की लापरवाही पर सवाल
पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा तारापुर-खड़गपुर मुख्य सड़क पर पुलों का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य के दौरान यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए कई अस्थायी डायवर्जन बनाए गए थे. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण एजेंसी ने कमजोर डायवर्जन बनाए, जो तेज बारिश और पानी के बहाव को झेल नहीं सके. गौरतलब है कि इससे पहले 26 जून को भी इसी स्थान पर डायवर्जन बह गया था, जिसे बनाने में 24 घंटे से अधिक समय लगा था. एक बार फिर वही स्थिति दोहराई गई है.

कांवड़ियों और किसानों की भी बढ़ी परेशानी
श्रावणी मेले के दौरान कांवड़िया इसी मार्ग से होकर सुल्तानगंज जाते थे, लेकिन अब यह रास्ता बंद हो जाने से उनकी आस्था की यात्रा भी प्रभावित हो रही है. वहीं दूसरी ओर, डायवर्जन टूटने का सबसे गहरा असर स्थानीय किसानों पर पड़ा है. सीतूहार गांव के किसान प्रमोद सिंह, फकीर मंडल और अनिल मंडल समेत अन्य लोगों ने बताया कि वे धान की रोपाई के समय खेतों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. जहां पहले घर से खेत की दूरी 1 किलोमीटर थी, अब डायवर्जन टूटने के कारण 9-10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है. मजदूरों को खेत तक ले जाने और खाना पहुंचाने के लिए अब ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे लागत बढ़ गई है.

स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित एजेंसी हर बार हल्के बारिश में बह जाने वाला डायवर्जन बना देती है, जिससे बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मांग की है कि पक्का और मजबूत डायवर्जन बनाया जाए, ताकि हर बारिश में यह समस्या ना उठे. बारिश के चलते बार-बार इस प्रकार की समस्याएं उजागर कर रही हैं कि कैसे अस्थायी और कमजोर व्यवस्थाएं न सिर्फ जनजीवन, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और धार्मिक यात्रा को भी बाधित कर रही हैं. प्रशासन और निर्माण एजेंसियों से जवाबदेही की मांग अब तेज हो गई है.

इनपुट- प्रशांत कुमार

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