Jharkhand Politics: उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के इस्तीफे के बाद सियासत गरमा गई है. राजद नेता कैलाश यादव ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दबाव में धनकड़ को इस्तीफा देना पड़ा.
Trending Photos
रांची: देश की राजनीति में बड़ा भूचाल उस वक्त आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस इस्तीफे के बाद पूरे देश में चर्चाओं का बाजार गर्म है. इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. यादव ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया है जो अत्यंत अफसोसनाक और लोकतंत्र के लिए चिंताजनक स्थिति है.
राजद नेता ने कहा कि वर्ष 2014 से देश में लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है. सत्ता में बैठे भाजपा के नेता और मंत्री खुलेआम न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका और स्वतंत्र पत्रकारिता का अपमान कर रहे हैं. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं.
कैलाश यादव ने कहा कि कल उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफे की घोषणा कर दी. दिनभर राज्यसभा की कार्यवाही को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के बाद धनकड़ राष्ट्रपति से मुलाकात कर आए और अपने 'X' (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इस अप्रत्याशित फैसले ने पूरे देश को चौंका दिया है.
राजद नेता ने दावा किया कि हाल के घटनाक्रमों के बाद स्पष्ट है कि उपराष्ट्रपति पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति से चर्चा कराने की मांग की थी. लेकिन नेता सदन जेपी नड्डा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस पर की गई कोई भी चर्चा सदन के रिकॉर्ड में नहीं जाएगी. यादव ने इसे उपराष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकारों का घोर अपमान बताया और कहा कि नियम के अनुसार, उपराष्ट्रपति की बात का जवाब नेता सदन नहीं दे सकते.
यादव ने कहा कि यह पूरी घटना केंद्र सरकार के अहंकारी रवैये को उजागर करती है. भाजपा के नेता लगातार उपराष्ट्रपति के बुलावे पर जरूरी बैठकों में भी नहीं जाते थे. धनकड़ को बार-बार नजरअंदाज किया गया और अब उनके इस्तीफे से यह साबित हो गया कि उनके स्वाभिमान को बार-बार ठेस पहुंचाई गई.
राजद नेता ने एक अन्य गंभीर मसले की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा कि देश की न्यायपालिका भी केंद्र सरकार की सत्तालोलुप नीतियों से परेशान है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की है. यादव ने बताया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को एक पुराने जमीन मामले में समन भेजा गया था, जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट पहले ही समन रद्द कर चुका था. इसके बावजूद ED ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जहां कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और चेताया कि ED राजनीतिक हथियार न बने.
कैलाश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है. संवैधानिक पदों की गरिमा खत्म हो चुकी है. न्यायपालिका से लेकर पत्रकारों तक पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर भी सरकार शिकंजा कस रही है. देश में अधिकारियों, कर्मचारियों और पत्रकारों की स्वतंत्रता खतरे में है.
ये भी पढ़ें- कलयुगी मां ने ममता को किया शर्मसार, झाड़ी में फेंका नवजात, राहगीर महिला ने बचाई जान
राजद नेता ने मांग की कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे के वास्तविक कारणों की जांच होनी चाहिए और केंद्र सरकार को लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर अब भी देश की जनता नहीं जागी तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा.
इनपुट- कामरान जलीली
झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Jharkhand News in Hindi और पाएं Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी । झारखंड की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!