BJP President Elections: नए अध्यक्ष पद के नामों को लेकर चर्चाएं इस साल जनवरी से शुरू हुई थीं. तब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम सामने आया था. लेकिन दिल्ली चुनाव के चलते बातचीत कुछ समय के लिए रुक गई.
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BJP President: अभी भी बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है. एक तरफ उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं तो वहीं बीजेपी संगठन की फाइनल रूपरेखा अभी तैयार नहीं हो पाई है. इसी बीच चर्चा है कि अध्यक्ष पद के लिए नाम पर बीजेपी और आरएसएस के बीच सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कुछ बातें सामने आई हैं. यह भी कहा गया है कि एक नए नाम को लेकर संघ ने हरी झंडी दी है. बस अब पीएम मोदी की मंजूरी का इंतजार है.
बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान होना है..
असल में जानकारी के मुताबिक एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने की जिम्मेदारी भी पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा को सौंपी गई है. इसका मतलब यह हुआ कि जेपी नड्डा सितंबर के पहले सप्ताह तक अपने पद पर बने रहेंगे. इसके बाद ही बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान होना है. वैसे भी बीजेपी अध्यक्ष पद का चुनाव लंबे समय से टल रहा है. नड्डा लगातार तीन कार्यकाल से इस पद पर हैं. अनुमान था कि पिछले साल जून में चुनाव हो सकते थे. जो टलते-टलते यहां तक पहुंच गया.
नए नाम में दिलचस्पी दिखा रहा संघ?
इन सबके बीच नए अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाएं इस साल जनवरी से शुरू हुई थीं. तब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम सामने आया था. लेकिन दिल्ली चुनाव के चलते बातचीत कुछ समय के लिए रुक गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक संघ कृषि मंत्री शिवराज के नाम में दिलचस्पी दिखा रहा है. अध्यक्ष पद को लेकर शिवराज का नाम नया जरूर है लेकिन वो अनुभव में काफी आगे हैं. इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक संघ ने अपनी मंजूरी भी दे दी है. जबकि बीजेपी के अंदर भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं.
निगाहें आरएसएस और पीएम मोदी पर
इधर पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 50 फीसदी इकाइयों में मतदान हो चुका है. बीजेपी अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली के आगामी चुनावों में व्यस्तता को देरी की वजह बता रही है. इन अटकलों के बीच राजनीतिक गलियारों में मोहन भागवत और पीएम मोदी पर चर्चा भी है कि आखिर नाम के ऐलान में इतनी देरी क्यों हो रही है. एक रिपोर्ट में संघ सूत्र ने यह भी कहा कि संघ ने फैसला बीजेपी पर छोड़ दिया है. अब निगाहें आरएसएस और पीएम मोदी पर हैं.