चीन के सीने पर लोटा सांप...बॉर्डर पर भारत ने बिछाया जाल, मिनटों में लड़ाकू विमान बनेंगे दुश्मन का काल
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चीन के सीने पर लोटा सांप...बॉर्डर पर भारत ने बिछाया जाल, मिनटों में लड़ाकू विमान बनेंगे दुश्मन का काल

India China Border: पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे भारत ने चीन के इरादों को भी पूरी गंभीरता से ले रहा है. पूर्वी मोर्चे पर भारत ऐसी सैन्य किलेबंदी कर रहा है कि अगर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कोई हिमाकत करती है तो उसे भी ऑपरेशन सिंदूर जैसा सबक सिखाया जा सके. 

iaf emergency air strip
iaf emergency air strip

IAF air landing strip: पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर से करारा सबक सिखाने वाला भारत चीन की चालबाजियों से भी बखूबी वाकिफ है. भारत  चीन से लगती सीमा पर लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. इसी मुहिम में वो बॉर्डर एरिया में आपात हवाई पट्टियां तैयार कर रहा है, जो दुश्मन के सीने पर सांप लोटने जैसा है. ऐसे में इमरजेंसी के वक्त भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान तेजी से हवाई मार्ग के जरिये सीमावर्ती इलाकों तक रसद और हथियारों की आपूर्ति कर पाएंगे. 

इंडियन एयरफोर्स की पूर्वी कमान इस हवाई पट्टी जल्द ही अपने फाइटर जेट की उड़ानें शुरू कर दमखम दिखाएगी. असम के डिब्रूगढ़ जिले में ये हवाई पट्टी तैयार की गई है, जो पूर्वोत्तर की पहली नेशनल हाईवे आधारित इमरजेंसी एयर स्ट्रिप है, जो तीन महीनों में काम करने लगेगी.

जानकारी के अनुसार, वायुसेना ने असम में राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर 4.50 किलोमीटर लंबी आपातकालीन हवाई पट्टी बनाई है.अरुणाचल समेत पूरे पूर्वोत्तर में गलत निगाह रखने वाले चीन के लिए ये बड़ा झटका है, क्योंकि इससे एयरफोर्स की सैन्य ताकत बढ़ने वाली है. 

असम में तीन हवाई पट्टी तैयार होंगी
असम में डेमो और मोरन के बीच नेशनल हाईवे-27 पर लड़ाकू और परिवहन विमानों की आपातकालीन लैंडिंग (Emergency Landing Facility) हो सकेगी. 4500 मीटर लंबी ये हवाई पट्टी पर राफेल, सुखोई एमकेआई 30, मिराज-जगुआर और सी-130 जैसे परिवहन विमान उतारे जा सकेंगे. सुखोई- राफेल जैसे भारतीय वायु सेना (IAF) के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग के लिए ये तैयार है. निचले असम के बोरोमा-तिहू और नौगांव और लुमडिंग के बीच शंकरदेवनगर में ऐसी ही एयर स्ट्रिप तैयार की जा रही है.

पिछले कुछ सालों में भारत ऐसे इमरजेंसी हवाई पट्टी तैयार कर रहा है, ताकि एयरपोर्ट पर बोझ कम किया जा सके और दुश्मन को चकमा देते हुए किसी इलाके में तेजी से सैन्य तैनाती को बढ़ाया जा सके. दुश्मन के लिए ऐसी हवाई पट्टियों की लोकेशन पता करना मुश्किल होता है.

चीन जिस तरह से बार-बार अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रों में दादागीरी दिखाने की कोशिश कर रहा है, उसको देखते हुए सेनाएं अपनी तैयारी कर रही है. नई हवाई पट्टी से डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर खराब मौसम या हमले जैसी किसी आपात स्थिति में फाइटर जेट सड़क पर उतारे जा सकेंगे. ये हवाई पट्टी नेशनल हाईवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) ने तैयार किया है.

LAC पर भारत की तैयारी
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत ने पिछले कुछ सालों में सैन्य मोर्चेबंदी मजबूत की है.ऊंचाई वाले इलाकों में तेजी से मोर्चा संभालने वाली स्ट्राइक कोर तैयार की गई है. सर्विलांस सिस्टम के साथ मानवरहित ड्रोन, तोपखाने और दुर्गम इलाकों में सैन्य आपूर्ति को बेहतर बनाया गया है. चीन से लगती लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश की सीमा पर रोड औऱ पुलों का जाल बिछाया जा रहा है. BRO ने दुनिया की सबसे ऊंची रोड का निर्माण उमलिंग ला (19024 फीट) पर किया है. न्योमा एयरफील्ड और शिंकु ला टनल भी लद्दाख में ताकत बढ़ाएगी. लद्दाख में गलवान और डेमचोक जैसे इलाकों में मोबाइल नेटवर्किंग मजबूत की गई है.

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