दिमाग में पानी भरना एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है. यह समस्या तुरंत जन्मे शिशु से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक, किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. ऐसे में इसके लक्षणों को जानना जरूरी है, इसकी मदद से ही सही समय पर इलाज शुरू करके गंभीर स्थिति बचा जा सकता है.
हाइड्रोसेफेलस तब होता है जब दिमाग में मौजूद तरल पदार्थ (CSF – Cerebrospinal Fluid) का बहाव रुक जाता है या जरूरत से ज्यादा बनने लगता है. यह लिक्विड दिमाग और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करता है, जिसका लेवल चोट, संक्रमण, ट्यूमर या स्ट्रोक के बाद बिगड़ सकता है. कई बार यह समस्या जन्म के साथ होती है.
बार-बार और तेज सिरदर्द, खासतौर पर सुबह के समय, हाइड्रोसेफेलस का शुरुआती संकेत हो सकता है. यह दर्द दिमाग पर बढ़ते दबाव की वजह से होता है.
सिरदर्द के साथ-साथ जी मिचलाना और उल्टी भी आम लक्षण हैं. यह इस बात का संकेत हो सकता है कि दिमाग में तरल का दबाव सामान्य से अधिक है.
दिमाग पर दबाव बढ़ने से आंखों की नसें प्रभावित हो सकती हैं, जिससे धुंधली दृष्टि, दोहरा दिखना या आंखों की पुतलियों में असामान्यता हो सकती है.
व्यक्ति के चलने के ढंग में बदलाव आ सकता है, पैर भारी लग सकते हैं या संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. यह संकेत खासकर बुजुर्गों में हाइड्रोसेफेलस का लक्षण हो सकता है.
व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ सकता है. अचानक व्यवहार में बदलाव, चिड़चिड़ापन या भूलने की आदतें हाइड्रोसेफेलस के लक्षण हो सकते हैं. Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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