Aligarh Christ Church: अलीगढ़ की करीब 200 साल पुरानी चर्च, 32 एकड़ के पार्क में बनी, अंग्रेज अफसरों की थी पसंदीदा
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Aligarh Christ Church: अलीगढ़ की करीब 200 साल पुरानी चर्च, 32 एकड़ के पार्क में बनी, अंग्रेज अफसरों की थी पसंदीदा

Aligarh Church​: चर्च क्रिश्चियन के लिए  एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां वे अपनी धार्मिक गतिविधियों और प्रार्थनाओं के लिए इकट्ठे होते हैं. आज हम आपको यूपी के अलीगढ़ के एक ऐसे चर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश के सबसे पुराने और शानदार चर्च  में आता है.

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UP GK Quiz: यूपी में सभी धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं. यहां मंदिर, मस्जिद भी बहुत हैं तो गुरुदारे के साथ चर्च भी हैं. 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे हैं और इस मौके पर तालानगरी अलीगढ़ की जहां कई ऐतिहासिक इमारते हैं, जिनमें उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च भी शामिल है. यह चर्च अलीगढ़ के सिविल लाइन इलाके में स्थित है और गुलामी के दौर से लेकर आधुनिक भारत तक के सफर का गवाह है.   नकवी पार्क स्थित क्राइस्ट चर्च को देश में इग्लैंड से आए विशप विल्सन ने बनवाया था. यह उत्तर भारत में सबसे पुराना चर्चों में शुमार है. 

 189 साल पहले विशप विल्सन ने करवाया था निर्माण
 विल्सन को चर्चों का जनक कहा जाता है। इन्होंने लाहौर से लेकर कोलकाता तक उन्होंने 1825-1845 के बीच 20 चर्च बनवाए.  अलीगढ़ के सिविल लाइन इलाके के नकवी पार्क में स्थित इस चर्च का निर्माण 189 साल पहले विशप विल्सन ने करवाया था. 1835 में बना यह चर्च भारत की गुलामी से लेकर आधुनिक अलीगढ़ के विकास तक का गवाह है. इस चर्च ने अलीगढ़ के बदलते इतिहास और यादों को अपने अंदर समेटकर रखा हुआ है. अलीगढ़ के नक्वी पार्क में क्राइस्ट चर्च उत्तर भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक माना जाता है. अंग्रेज विशप डेनियल विल्सन ने 1825 से 1845 के बीच बनाए गए 20 चर्चों में से एक के रूप में इसका निर्माण कराया था.  

लंबे समय तक फ्रांसीसी प्रभाव 
अलीगढ़ पर लंबे समय तक फ्रांसीसी प्रभाव रहा है, जिसकी झलक यहां की वास्तुकला में देखी जा सकती है. क्राइस्ट चर्च की शुरुआत एक छोटे से चैपल के रूप में हुई थी, जो बाद में एक पूर्ण चर्च में बदल गया. इस चर्च को बनाने के लिए विदेश से कारीगर आए थे. फ्रांस और इटली से आए कारीगरों ने इसमें नक्काशी का काम किया था. चर्च में लगे शीशे इंग्लैंड से मंगाए गए थे. जब सूर्य की किरणें इन शीशों पर पड़ती हैं, तो प्रभु यीशु, उनकी मां मरियम और उनके तीन परम शिष्यों की तस्वीरें नजर आती हैं, जो यहां आने वाले लोगों को आकर्षित करती हैं. ये रंगीन ग्लास 182 साल बाद भी इस चर्च की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है. 

शानदार है चर्च
चर्च का डिज़ाइन एक पारंपरिक ईसाई चर्च की तरह है, जिसमें एक बड़ा हॉल, एक अल्टार और एक घंटाघर है. इस एतिहासिक चर्च में तमाम खूबियां हैं. इसकी खूबसूरती में 32 एकड़ का नकवी पार्क चार चांद लगाता है.  एएमयू सर्किल के निकट इस चर्च के 100 मीटर की दूरी तक हरियाली व खुला आसमां है.

अंग्रेजी में होती है प्रार्थना
साल 1804 में अलीगढ़ को जिला का दर्जा मिला. अलीगढ़ कभी मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहा है.   शहर का यह पहला चर्च है, जहां हर रविवार को अंग्रेजी में प्रार्थना होती है.

अलीगढ़ में कितने चर्च
अलीगढ़ में कुल आठ चर्च हैं. इनमें ऐतिहासिक चर्च 4 ही हैं, जिनमें से केवल क्राइस्ट चर्च में ही इंग्लैंड फादर हुआ करते थे.  वे देश के आजाद होने के 13 साल (वर्ष1960) तक यहां रहे. इसी चर्च में फ्रांस और अंग्रेजी फौज के जवान प्रार्थना करते थे. वो दौर मराठा शासन का था. 

AMU संस्थापक को था लगाव
एएमयू संस्थापक सर सैयद का इस चर्च से विशेष लगाव था. सर सैयद अहमद खां अंग्रेज अफसरों से यहीं मुलाकात करते थे. इसमें प्रोफेसर अंग्रेज भी थे, जो चर्च में आते रहते थे.  एएमयू के 13 वें कुलपति नवाब अली यावर जंग (1965- 68) भी यहां प्रार्थना के लिए आते थे.

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