Aligarh News: ताले और तालीम की नगरी के रूप में पहचान रखने वाले अलीगढ़ को अब उसकी ऐतिहासिक विरासत ‘ताले’ की भी विश्वस्तरीय पहचान मिलने जा रही है. यूपी सरकार ने अलीगढ़ में 28 करोड़ रुपये की लागत से देश के पहले लॉक म्यूजियम के निर्माण को मंजूरी दे दी है.
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Aligarh News: जिस शहर को कभी ‘ताले और तालीम की नगरी’ कहा जाता था, अब वहां ‘ताला’ फिर से चर्चा में है. इस बार एक गर्व की वजह से है. आपको बता दें कि अलीगढ़ में बनने जा रहा है देश का पहला लॉक म्यूजियम, जिसकी कीमत 28 करोड़ रुपये होगी. यह म्यूजियम न सिर्फ जिले की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजेगा, बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा.
बेंगलुरु-जेवर एयरपोर्ट डिजाइन करने वाले देंगे म्यूजियम को रूप
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का डिजाइन दो इंटरनेशनल आर्किटेक्ट्स तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और नोएडा के जेवर एयरपोर्ट का भी डिजाइन बनाया है. म्यूजियम के लिए जवाहर भवन में 1500 वर्गमीटर जमीन चिह्नित की गई है. पहले यह स्मार्ट सिटी योजना में शामिल था, लेकिन अब मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना (CM-VNY) के तहत इसे मंजूरी दी गई है. शासन ने इसकी पहली किस्त भी जारी कर दी है.
तालों से जुड़े इतिहास और तकनीक को मिलेगा मंच
लॉक म्यूजियम अलीगढ़ के प्रसिद्ध ताला उद्योग की ऐतिहासिक, तकनीकी और सांस्कृतिक यात्रा को दर्शाएगा. यहां पुराने और आधुनिक ताले, उनकी बनावट, तकनीक, उपयोग और विकास को लेकर विस्तृत जानकारी दी जाएगी. यह म्यूजियम शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा.
लोगों की मन्नतों का होगा 'विश प्वाइंट'
म्यूजियम में एक खास 'विश प्वाइंट' भी विकसित किया जाएगा, जहां लोग अपनी मन्नतें मांगते हुए अलीगढ़ का ताला बांध सकेंगे. इससे यह स्थान धार्मिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी जुड़ाव पैदा करेगा.
क्या बोले अधिकारी?
महापौर ने बताया कि लॉक म्यूजियम अलीगढ़ की नई पहचान बनेगा. यह सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा.