Shri Krishna Relation With Ayodhya: ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण का संबंध केवल मथुरा और वृंदावन से ही है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि राम नगरी अयोध्या से भी श्रीकृष्ण का गहरा संबंध हैं. इसलिए अयोध्या में केवल भगवान राम की नहीं बल्कि श्रीकृष्ण की पूजा के लिए भी दूर-दूर से लोग आते हैं.
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Ayodhya News: श्रीकृष्ण का यमुना से कितना लगाव तो यह तो सभी जानते ही हैं. बाल्य अवस्था में ऐसा मुश्किल ही कोई दिन होता था जब श्रीकृष्ण यमुना तीरे नहीं जाते हों. सखाओं से क्रीड़ा (खेल) हो या रासलीला और या फिर गोपियों से शरारत... श्रीकृष्ण का ज्यादतर समय युमना किनारे ही बीतता था.
धर्म और धार्मिक कथाओं के जानकार बताते हैं कि द्वापर युग में विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण अपने पहले अवतार के दर्शन करने के लिए अयोध्या गए थे. इस दौरान वो सरयू मइया के दर्शन के लिए भी गए थे. इस दौरान श्रीकृष्ण यहां कनक भवन में रुके थे. कनक भवन में मौजूद शिला लेख भी इसका दावा करते हैं. और इसके बाद दशरथ गद्दी पर विराजमान हुए थे. कहा जाता है कि कनक भवन का जीर्णोद्वार भगवान श्रीकृष्ण ने ही कराया था.
कब कनक भवन आए थे श्रीकृष्ण
कनक भवन में लगे शिलालेख बताते हैं कि भगवान कृष्ण कुंभ स्नान के बाद अयोध्या आए थे. वो यहां ज्यादा समय नहीं केवल 24 घंटे ही रुके थे. अयोध्या के संत बताते हैं कि रामनगरी में श्रीकृष्ण के आगमन के कई प्रमाण मिलते हैं.
रामनगरी में श्रीकृष्ण के प्रमाणों की जांच हो
हालांकि अयोध्या की पहचान रामनगरी के तौर पर होती है. लेकिन अगर भगवान श्रीकृष्ण का अयोध्या से नाता रहा है तो इसके प्रमाणों का अध्यय होना चाहिये. इससे अयोध्या में धार्मिक पर्यटन और अधिक लाभ होगा.
Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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