पिता लगाते हैं पंक्चर, भाई करता सफेदी, जानें संतकबीरनगर के इकबाल अहमद ने कैसे गढ़ी सफलता की इबारत
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पिता लगाते हैं पंक्चर, भाई करता सफेदी, जानें संतकबीरनगर के इकबाल अहमद ने कैसे गढ़ी सफलता की इबारत

UPSC Success Story: संत कबीर नगर के इकबाल अहमद जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2024 में 998वीं रैंक हासिल की है, उन बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अक्सर इस बात का अफसोस करते हैं कि सुविधाओं और सही माहौल के अभाव में वो सफल नहीं हो सके. 

पिता लगाते हैं पंक्चर, भाई करता सफेदी, जानें संतकबीरनगर के इकबाल अहमद ने कैसे गढ़ी सफलता की इबारत

Sant Kabir Nagar: कई लोगों को यह अफसोस रहता है उन्हें सही माहौल, परवरिश और सुविधाएं नहीं मिली वरना वो भी सफलता के शिखर पर होते. लेकिन सुविधाएं सफलता की गारंटी नहीं होती हैं. इसके कई जीते जागते उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैं. ऐसा ही जीवंत और प्रेरणादायक व्यक्तित्व है उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले नंदौर कस्बा निवासी इकबाल अहमद का. यूपीएससी परीक्षा 2024 में 998 वीं रैंक लाने वाले इकबाल अहमद की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सुविधाओं और पैसे की कमी के चलते हिम्मत हारकर सफलता के करीब आते-आते चूक जाते हैं. 

गरीबी में बीता बचपन, पंक्चर लगाते हैं पिता
संतकबीर नगर के इकबाल अहमद उन 13 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों में से एक हैं जो यूपीएससी प्रीलिम्स 2024 परीक्षा में बैठे थे. इकबाल किस बैकग्राउंड से आते हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है उनके पिता साइकिल की दुकान कर पंक्चर लगाते हैं. इकबाल का बचपन भी बेहद गरीबी में बीता. लेकिन उन्होंने अपनी मुफलिसी और पिछड़ेपन को अपनी सफलता के रास्ते में बाधक नहीं माना. इकबाल ने यूपीएससी परीक्षा 2024 में सफल होकर साबित कर दिया कि अगर हौसले मजबूत हों तो डगर कैसी भी हो मंजिल तक पहुंचना नामुमकिन नहीं है. 

इकबाल के परिवार में कौन-कौन 
इकबाल की एक बहन और तीन भाई हैं, वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान हैं. इकबाल के सबसे बड़े भाई पुताई का काम करते हैं. खराब सेहत के चलते इकबाल के पिता मकबूल ने अपनी पंक्चर की दुकान बंद कर दी थी और उसके बाद घर से ही काम कर रहे थे. लेकिन अब इकबाल की सफलता ने पिता मकबूल के संघर्ष पर विराम लगा दिया है. 

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मुश्किल हालात में गढ़ी सफलता की इबारत
इकबाल अहमद ने संतकबीरनगर के नदौर कस्बे के इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद गोरखपुर से ग्रेजुएशन की. उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सबसे पहले श्रम विभाग में सरकारी नौकरी हासिल की. लेकिन केवल एक सरकारी नौकरी पा लेना ही उनकी ख्वाहिश नहीं थी, वो यूपीएससी परीक्षा पास करना चाहते थे. इसलिए श्रम विभाग में नौकरी के साथ -साथ उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. और आखिरकार उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2024 क्लियर कर दिया. उन्होंने 998वीं रैंक हासिल कर वो सपना पूरा किया जो वो बचपन से देखते आए थे. 

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